कठुआ रेप केस में अपराध शाखा बचाव पक्ष के वकील के खिलाफ जाएगी कोर्ट
अपराध शाखा के अधिकारियों का कहना है कि वकील गलत तरीके से तथ्यों को रख रहे हैं.
24 अप्रैल 2018
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नया हरियाणा
जम्मू-कश्मीर की अपराध शाखा और बचाव पक्ष के वकील के बीच खींचतान बढ़ रही है। जिसके परिणामस्वरूप अपराधा शाखा वकील के खिलाफ स्थानीय अदालत जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि वकील आठ वर्षीय बच्ची की सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या मामले से जुड़े तथ्यों को कथित तौर पर तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है और इस तरह माहौल को खराब करने का प्रयास कर रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि पुलिस ने उस सीडी का संज्ञान लिया है जिसमें एक प्रत्यक्षदर्शी को यह कहते सुना जा सकता है कि अपराध शाखा ने बच्ची से बलात्कार के एक आरोपी विशाल शर्मा के खिलाफ बयान देने का उस पर दबाव बनाया। शर्मा इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता शांजी राम का बेटा है। इस मामले के कारण देशभर में आक्रोश है।
अधिकारियों ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई सीडी वकील ने उपलब्ध करवाई थी और इसे मेजिस्ट्रेट के समक्ष गवाह के बयान के तौर पर पेश किया था। हालांकि शुरुआती जांच में पता चला कि वकील ने इसे अदालत परिसर के बाहर तैयार किया ताकि जनता को भ्रमित किया जा सके और सरकार के खिलाफ असंतोष पैदा किया जा सके।
एक अधिकारी ने कहा , ‘‘यह निश्चित ही मामले के गवाह को धमकाने के प्रयास का मामला है और इस मामले से जुड़ी संवदेनशीलता को ध्यान में रखते हुए हमें तुरंत दखल देने की जरूरत है। 'जांचकर्ताओं के मुताबिक अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय की बच्ची को कथित तौर पर शांजी राम के कहने पर ही अगवा किया गया था क्योंकि वह गुज्जर और बकरवाल समुदाय के लोगों को वहां से भगाना चाहता था। यह समुदाय सर्दियों में यहां से 90 किमी दूर गांव में चला जाता है।
बच्ची को कथित तौर पर कठुआ जिले के एक छोटे से गांव के मंदिर में एक हफ्ते तक बंधक बनाकर रखा गया। घटना इस वर्ष जनवरी माह की है। उसे नशे में रखा जाता था , हत्या से पहले उसका यौन उत्पीड़न किया गया था। सरकार ने 23 जनवरी को मामला अपराध शाखा को सौंप दिया था , जिसने विशेष जांच दल का गठन किया। इसमें आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया।
इस मामले में राम के साथ विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा , एक अन्य व्यक्ति परवेश कुमार उर्फ मन्नू , राम का बेटा और उसका एक नाबालिग रिश्तेदार भी शामिल थे। आरोप पत्र में जांच अधिकारी हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और उप निरीक्षक आनंद दत्ता का भी नाम है जिन्होंने राम से कथित तौर पर चार लाख रूपये लिए और अहम साक्ष्यों को नष्ट किया।