इंडिया रैंक नंबर-2 टेनिस का जूनियर खिलाडी वंश नांदल जो कि गांव बाहर का रहने वाला है उसके परिजनों और कोच का ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा जब भारत का प्रतिनिधित्व करना का मौका मिलने की खबर मिली.
आपको बता दे, तेहरा साल का वंश नांदल पिछले 7 साल से टेनिस खेल रहा है जिसमे उसने प्रतिष्ठित आल इंडिया टेनिस रैंकिंग (AITA) में अपने म्हणत के बलबूते पर नंबर-2 की जगह बनाई.
छोटे से किसान का बेटा वंश नांदल पहली बार लॉन टेनिस का रैकेट 6 साल की उम्र में पकड़ा और उसके बाद कभी नहीं छोड़ा.
अनिल नांदल, वंश के पिता बताते है कि वो अपने बेटे क़ो खेल में डालना चाहते थे पर ऐसा कभी नहीं सोचा था कि लॉन टेनिस जैसे महंगे खेल में उनके बेटे का करियर बनेगा.
अपनी आपबीती बताते हुए अनिल नांदल ने बताया कि वंश बचपन में बहुत शरारती था और उन्होंने उसकी एनर्जी क़ो सही दिशा में लगाने के लिए किस खेल में डाला जाये ढूंढ़ना शुरू किया.
कई खेलो के ग्राउंड पर गए पर बात ना जमने पर वो राजीव गाँधी खेल परिसर में पहुंच और हरे-हरे लॉन टेनिस के ग्राउंडों ने उनका मन मोह लिया और बेटे का उस समय के कोच श्रवण कुमार की देखरेख में खिलाना शुरू करवा दिया.
"हालकि, उस समय भी कोचिंग फीस दो हज़ार रूपये थी पर मैने कभी नहीं सोचा था कि जैसे-जैसे खेल का लेवल बढ़ेगा फीस लाखो में चली जाएगी", अनिल नांदल ने बताया.
वंश की अचीवमेंट का ज़िक्र करते हुए, अनिल ने बताया कि वंश नांदल ने अंडर-12 में इंडिया नंबर-1 रहते हुए साउथ एशिया--काठमांडू में हुई अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीता.
उसके बाद अंडर-14 SGFI में स्टेट में गोल्ड मैडल जीता, फिर रैंकिंग खेलते खेलते अंडर-14 में इंडिया नंबर-2 का मुकाम हासिल किया.
"कई बार ऐसा हुआ कि वंश क़ो नेशनल कम्पटीशन खिलाने के लिए देश के कोने-कोने में जाना पड़ा और पैसो कि दिककत का सामना करना पड़ा और कई बार पैसे कम लगे इसलिए रैलो और बसों में घंटो का सफर करना पड़ा. जबकि बाकी खिलाडी बड़ी महंगी कारों में आते थे और महंगे होटलो में रुकते थे पर हम किसी बजट वाली जगह में रुकने का प्रयास करते थे".
वंश ने कहा कि उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा जब AITA कि तरफ से ईमेल आयी की उसका चयन भारत कि टीम में वर्ल्ड जूनियर टेनिस कम्पटीशन के लिए हुआ है जो कि गोल्डकोस्ट ऑस्ट्रेलिया में है.
"भारत के लिए खेलना ही मेरा सपना है जिसके लिए मै 28 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक ऑस्ट्रेलिया में होने वाले कम्पटीशन की तैयारी के लिए जी जान से जुटा हुआ हूँ", वंश ने कहा.
वंश ने बताया कि 13 मार्च से 19 मार्च तक 'Road To Wimbeldon ' भी खेलना है जो कि कोलकत्ता में है.
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