2014 में भाजपा के कर्णदेव कंबोज ने यहां कमल खिलाने में सफलता हासिल की
19 अगस्त 2019
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नया हरियाणा
इंद्री विधानसभा के लिए पहली बार 1967 में चुनाव हुए और कांग्रेस की प्रसन्नी देवी विधायक बनी. 1968 के मध्य अवधि व 1972 के नियमित चुनाव में भी प्रसन्नी देवी ही विजयी रही. उसके बाद 2005 व 2008 के उपचुनाव को छोड़कर कांग्रेस यहां से कभी नहीं जीत पाई. 1977 में जनता पार्टी के देशराज कंबोज ने कांग्रेस प्रत्याशी सुरजीत सिंह मान को पराजित किया. 1982 में लोकदल के लक्ष्मण सिंह कंबोज ने कांग्रेस के देशराज कंबोज को पराजित किया. 1991 में जानकी देवी मान (हरियाणा विकास पार्टी) ने निर्दलीय भीमसेन मेहता को परास्त किया.
1996 में भीमसेन मेहता निर्दलीय चुनाव लड़ा. लेकिन इस बार वे कांग्रेस के देशराज कंबोज को शिकस्त देकर विधायक बन गए. वर्ष 2000 में भी भीमसेन मेहता निर्दलीय ही चुनाव जीत गए. 2005 में 33 साल बाद राकेश कंबोज ने यह सीट कांग्रेस की झोली में डाली. उन्होंने पूर्व विधायक भीम सेन को मात दी, जो कि इस बार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे. इनेलो के अशोक कश्यप तीसरे स्थान पर रहे.
2007 में कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा जनहित पार्टी कांग्रेस की स्थापना की तो राकेश कंबोज उनके साथ चले गए. इस स्थिति में 2008 में उपचुनाव हुआ तो कांग्रेस ने भीमसेन मेहता को प्रत्याशी बनाया. पहली बार किसी दल से लड़े मेहता ने हजकां के राकेश को पराजित कर दिया. अशोक कश्यप तीसरे स्थान पर रहे.
2009 के चुनाव में इनेलो के अशोक कश्यप ने बाजी मार ली. उन्होंने कांग्रेस के भीम सेन को पराजित किया. हजकां के राकेश कंबोज इस बार तीसरे स्थान पर रहे. 2014 में भाजपा के कर्णदेव कंबोज ने यहां कमल खिलाने में सफलता हासिल की. उन्होंने इनेलो की उषा कश्यप को पराजित किया. हजकां के राकेश कंबोज तीसरे और कांग्रेस के भीमसेन मेहता चौथे स्थान पर रहे.