अटेली पेप्सू के अंतर्गत भी विधानसभा क्षेत्र था और 1951 व 1954 के पेप्सू चुनाव में यहां से दोनों बार कांग्रेस के मनोहरशाम विधायक चुने गए थे और दोनों ही दफा उन्होंने निर्दलीय ओंकार सिंह को पराजित किया था. इसके बाद 1967 में ही अटेली विधानसभा अस्तित्व में आई. तब से लेकर 2014 तक यहां एक उपचुनाव और 13 बार चुनाव हो चुके हैं.
अटेली सीट ने हमेशा ही यादव समुदाय के प्रत्याशी को जिता कर चंडीगढ़ बेचने का रिकॉर्ड कायम किया है. इस सीट पर अन्य जातियों मतदाताओं की संख्या 60% है जबकि यादव जाति के मतदाताओं की संख्या मात्र 40% है. 12 बार दूसरे स्थान पर भी यादव समुदाय का प्रत्याशी ही रहा है. यह बात अलग है कि विजयी रहे उम्मीदवारों की पार्टियां अलग-अलग रही हैं. केवल 1977 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मण सिंह चौहान नामक प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहा था. 1967 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के राव निहाल सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय उम्मीदवार रामजीवन को हराया था. 1968 के हुए विधानसभा चुनावों में विशाल हरियाणा पार्टी के बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस के राव निहाल सिंह को हराया था. 1972 में हुए चुनावों में हरियाणा विशाल पार्टी के राव बंसी सिंह ने कांग्रेसी प्रत्याशी नरेंद्र यादव से जीत हासिल की थी. 1980 के उपचुनाव में राव बंसी सिंह ने कांग्रेसी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर लक्ष्मी नारायण यादव को पराजित किया.
1982 में राव निहाल ने राव बंसी सिंह को हराकर बाजी मारी. 1987 में राव लक्ष्मी नारायण ने लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़कर क्षेत्र के सुप्रसिद्ध बाबा खेतानाथ, जो यादव ही थे, को हराया. 1991 में राव बंसी सिंह ने राव अजीत सिंह को पटखनी दी. 1996 में राव नरेंद्र सिंह ने राव ओमप्रकाश इंजीनियर को पराजित किया. 2000 में एक बार फिर राव नरेंद्र ने बाजी मारी. जबकि संतोष यादव चुनाव हार गई. 2005 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नरेश यादव ने राव नरेंद्र को हराकर जीत हासिल की थी. इसी प्रकार से 2009 के चुनावों में कांग्रेस की अनीता यादव ने भाजपा की संतोष यादव को मात्र 973 वोटों के अंतर से हरा दिया था. 2014 में भाजपा की संतोष यादव ने इनेलो के सतबीर यादव को पराजित किया. कांग्रेस यहां पांचवें स्थान पर रही.
2014 के विधानसभा का इतिहास
संतोष यादव बीजेपी 64659
सतबीर इनेलो 16058
रवि चौहान आजाद 11361
प्रदीप कुमार आजाद 8556
अनिता यादव कांग्रेस 7727