तिगांव विधानसभा क्षेत्र भी 2009 में ही अस्तित्व में आया.
7 अगस्त 2019
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नया हरियाणा
फरीदाबाद लोकसभा के अंतगर्त 9 विधानसभा सीटें आती हैं- पलवल, होडल, हथीन (पलवल जिले के अंतर्गत), पृथला, फरीदाबाद, फरीदाबाद एनआईटी, बड़खल, बल्लभगढ़ और तिगांव (फरीदाबाद जिले के अंतर्गत आती हैं)
गुर्जर बहुल तिगांव विधानसभा सीट पर अब तक दो मुकाबले हुए हैं और दोनों ही मुकाबले बीजेपी और कांग्रेस के बीच हुए हैं. 2009 में बीजेपी ने 4 सीटें जीती थी और तिगांव उनमें से एक थी, फिर भी 2014 में बीजेपी इस सीट पर जीत नहीं पाई थी. पेशे से वकील ललित नागर 2009 का विधानसभा चुनाव कृष्णपाल गुर्जर से महज 818 वोट से हार गए थे. 2014 में ललित नागर के सामने बीजेपी ने ऐसा उम्मीदवार उतारा जो अपना पहला चुनाव लड़ रहा था और उसे हार का सामना करना पड़ा. उत्तरप्रदेश से सटा होने के कारण इस सीट पर बसपा की भी अच्छी पकड़ मानी जाती है. यह विधानसभा फरीदाबाद जिले के अंतर्गत आती है.
तिगांव विधानसभा क्षेत्र भी 2009 में ही अस्तित्व में आया. अपने पहले ही चुनाव में दो तगड़े गुर्जर नेताओं की जहां मुठभेड़ हुई. जहाँ एक तरफ भाजपा के कृष्ण पाल गुज्जर थे तो दूसरी तरफ कांग्रेस के ललित नागर. गुज्जर दशकों से चुनावी राजनीति में सक्रिय थे और कई चुनाव जीत व हार कर कांटे की टक्कर दिए हुए थे. लेकिन नागर का यह पहला चुनाव था. जीत तो गुज्जर की ही रही लेकिन जीत का अंतर मात्र 818 वोटों का ही रहा. गुज्जर को 39746 और नागर को 38928 वोट प्राप्त हुए.
2014 में कांग्रेस ने फिर से ललित नागर पर ही दांव लगाया लेकिन भाजपा की ओर से इस बार राजेश नागर उनके सामने खड़े थे. कड़े संघर्ष में ललित नागर ने लगभग तीन हजार मतों के अंतर से यह सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी. बसपा के गिरराज शर्मा तीसरे और इनेलो के अरविंद भारद्वाज चौथे स्थान पर रहे.