2014 में बने इनेलो के विधायक केहर सिंह रावत बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
7 अगस्त 2019
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नया हरियाणा
हथीन विधानसभा क्षेत्र हरियाणा राज्य बनने के बाद 1967 में संपन्न हुए पहले चुनाव से अस्तित्व में है. अभी तक यहां पर दर्जन भर से ज्यादा चुनाव हो चुके हैं किंतु किसी भी नेता ने यहां से लगातार दो बार जीत दर्ज नहीं की. 1967 में कांग्रेस के देवी सिंह तेवतिया यहां से विधायक बने थे. जिन्हें 1968 के मध्यावधि चुनाव में हेमराज सहरावत में परास्त किया. 1972 में निर्दलीय रामजी लाल डागर ने कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे हेमराज सहरावत को पराजित किया. 1977 में जनता पार्टी के स्वामी आदित्यवेश ने कांग्रेस के प्रभु दयाल मित्तल को हराया. 1982 में जनता पार्टी की अजमत खां ने लोकदल के खिल्लन सिंह को पराजित किया. लेकिन जीत का अंतर मात्र 173 मतों का था. खिल्लन सिंह ने पुनः मतगणना कराई, अदालती लड़ाई लड़ी और अंतत: विजयी घोषित हुए. 1987 मे लोकदल-बहुगुणा के भगवान सहाय रावत ने निर्दलीय अजमत खां को शिकस्त दी. 1991 में अजमत खां (कांग्रेस) ने भगवान सहाय रावत (जनता दल) से अपनी हार का बदला लिया. 1996 में तिवारी कांग्रेस के हर्ष कुमार चौधरी ने अजमत खां को मात दी. भगवान सहाय रावत तीसरे स्थान पर रहे. 2000 में भगवान सहाय रावत इनेलो के प्रत्याशी थे और इस बार उन्होंने हविपा के हर्ष कुमार को पराजित किया. 2005 में हर्ष कुमार आजाद उम्मीदवार के रूप में लड़े और जलेब खां (कांग्रेस) को पराजित किया. अजमत खां इनेलो व भगवान सहाय रावत भाजपा के प्रत्याशी थे और क्रमश: तीसरे व चौथे स्थान पर रहे. 2009 में जलेब खां व हर्ष कुमार के बीच हुई करारी टक्कर में जलेब खां विधायक चुने गए. 2014 में इनेलो के केहर सिंह ने भाजपा के हर्ष कुमार को पराजित किया. जलेब खां कांग्रेस तीसरे स्थान पर रहे.
इनेलो के विधायक केहर सिंह रावत बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इस कारण अब बीजेपी की जीत की राह इस सीट पर भी खुल गई है. हालांकि मुस्लिम वोटरों की अच्छी खासी तादाद होने के कारण