भारतीय जनता पार्टी आज (6 अप्रैल) 38वें स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच लोकसभा सीटों के पार्टी कार्यकर्ताओं और पार्टी की 734 जिला इकाइयों के अध्यक्षों से संवाद करेंगे। भाजपा ने गुरुवार की एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी अपने ऐप के जरिये वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इन सभी कार्यकर्ताओं और अध्यक्षों से संवाद करेंगे।
कार्यकर्ताओं से संवाद के लिए जिन पांच लोकसभा क्षेत्रों का चयन किया गया है उनमें नई दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश), उत्तर-मध्य मुंबई और सारण (बिहार) शामिल हैं। इन सीटों से क्रमश: मीनाक्षी लेखी, मनोज तिवारी, अनुराग ठाकुर, पूनम महाजन और राजीव प्रताप रूढ़ी सांसद हैं। इस संवाद के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कार्यकर्ताओं और जिला प्रमुखों से कई मसलों पर बातचीत करेंगे और उनके सवालों के जवाब भी देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई दी है और कहा कि भाजपा भारत को बदलने का प्रयास जारी रखेगी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने भाजपा को चुनने के लिए देशवासियों के प्रति कृतज्ञता भी व्यक्त की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं हमारे देश के भाइयों और बहनों को भाजपा पर विश्वास बनाए रखने के लिए धन्यवाद करता हूं। यह हमारी प्रतिबद्धता है कि हम खुद को भारत के परिवर्तन के प्रति समर्पित करते रहेंगे।'
अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा'- आज से सैंतीस साल पहले भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस अधिवेशन को संबोधित करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी का यह आखिरी उद्घोष था.
भारतीय जनता पार्टी का मूल श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में निर्मित भारतीय जनसंघ है। 1977 में आपातकाल की समाप्ति के बाद जनता पार्टी के निर्माण हेतु जनसंघ अन्य दलों के साथ विलय हो गया। इससे 1977 में पदस्थ कांग्रेस पार्टी को 1977 के आम चुनावों में हराना सम्भव हुआ। तीन वर्षों तक सरकार चलाने के बाद 1970 में जनता पार्टी विघटित हो गई और पूर्व जनसंघ के पदचिह्नों को पुनर्संयोजित करते हुये भारतीय जनता पार्टी का निर्माण किया गया। यद्यपि शुरुआत में पार्टी असफल रही और 1984 के आम चुनावों में केवल दो लोकसभा सीटें जीतने में सफल रही। इसके बाद राम जन्मभूमि आंदोलन ने पार्टी को ताकत दी। कुछ राज्यों में चुनाव जीतते हुये और राष्ट्रीय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करते हुये 1996 में पार्टी भारतीय संसद में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। इसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया जो 13 दिन चली।
1998 में आम चुनावों के बाद भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का निर्माण हुआ और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनी जो एक वर्ष तक चली। इसके बाद आम-चुनावों में राजग को पुनः पूर्ण बहुमत मिला और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार ने अपना कार्यकाल पूर्ण किया। इस प्रकार पूर्ण कार्यकाल करने वाली पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी। 2004 के आम चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा और अगले 10 वर्षों तक भाजपा ने संसद में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाई। 2014 के आम चुनावों में राजग को गुजरात के लम्बे समय से चले आ रहे मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारी जीत मिली और 2014 में सरकार बनायी। चार साल में छह राज्यों से इक्कीस राज्यों में भाजपा अकेले या सहयोगियों के साथ सत्ता में है। आज भाजपा उस ऊंचाई पर है जहां पहुंचने का उसके संस्थापकों ने सपना भी नहीं देखा होगा।
शिखर पर पहुंचना जितना कठिन होता है उससे ज्यादा मुश्किल उस पर टिके रहना होता है। 2019 में इसी शिखर पर टिके रहने की चुनौती है।