सोनीपत लोकसभा के चुनाव में बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को चारों खाने चित्त तो किया ही है, साथ में बीजेपी की रणनीति से साफ लग रहा है कि वह सोनीपत लोकसभा के अंतर्गत आने वाली 9 विधान सभाओं पर भी नजरें गढ़ाए हुए है. सोनीपत लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभाएं- सोनीपत जिले की-सोनीपत, गन्नौर, राई, बड़ौदा, गोहाना, खरखौदा हैं और 3 विधानसभा जींद जिले की हैं- जुलाना, सफीदो और जींद.
2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हिस्से में केवल सोनीपत सीट हाथ लगी थी, जबकि जुलाना व जींद इनेलो के हिस्से में आई थी. सफीदो से आजाद उम्मीद्वार ने जीत हासिल की थी. गन्नौर, राई, खरखौदा, बड़ौदा व गोहाना कांग्रेस के हिस्से में आई थी.
बीजेपी की रणनीति है कि सोनीपत लोकसभा की सभी 9 विधानसभा सीटों पर परचम लहराया जाए और रोहतक व सोनीपत जिसे हुड्डा का गढ़ कहा जाता है उस नैरेटिव या धारणा को ध्वस्त किया जाए. जिसके लिए बीजेपी बहुत सधे हुए तरीके से जमीनी और रणनीति दोनों स्तरों पर चाल चल रही है.
गन्नौर से कुलदीप शर्मा के खिलाफ बीजेपी ने देवेंद्र कादियान पर दांव खेल सकती है, जिनके सामाजिक काम व पहचान कुलदीप शर्मा के लिए मुश्किलें बढ़ाते हुए साफ दिख रहे हैं.
बड़ौदा से भले ही भूपेंद्र हुड्डा को बढ़त मिली हो परंतु आने वाले विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी की तरफ से दीपा मलिक मैदान में उतारी जा सकती हैं. दीपा मलिक के मैदान में आते ही कमजोर दिख रही बीजेपी बड़ौदा में मजबूत हो जाएगी. एक तरफा बनती दिख रही बीजेपी सरकार का भी दीपा मलिक को फायदा मिलेगा.
राई में भले ही 2014 में मुकाबला इनेलो और कांग्रेस के बीच काफी नजदीकी रहा हो, परंतु इनेलो में फूट के कारण इनेलो और जेजेपी दोनों ही पूरे हरियाणा में कमजोर हो गई हैं. जिसके कारण अब मुकाबले में कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी टक्कर में है तो इनेलो के गढ़ में भी बीजेपी ही टक्कर में है. अब इनेलो और कांग्रेस के बीच टक्कर वाली बहुत कम सीट रह गई हैं. ऐसे में राई सीट इस बार बीजेपी के खाते ंमें जाती हुई साफ दिख रही है.
खरखौदा विधानसभा में पिछली बार पवन खरखौदा ने काफी अच्छी टक्कर दी थी, परंतु जीत जयबीर बाल्मीकि (कांग्रेस) की हुई थी, परंतु बदली हुई परिस्थितियों को भांपते हुए पवन खरखौदा ने बीजेपी में आकर अपने कमजोर पक्ष को दूर कर लिया है. भूपेंद्र हुड्डा की हार के बाद जयबीर बाल्मीकि वैसे ही कमजोर हो गए हैं. ऐसे में बीजेपी लहर में पवन खरखौदा आराम से इस सीट को निकाल लेंगे.
गोहाना विधानसभा सीट पर पिछली बार मुकाबला कांग्रेस व इनेलो के बीच हुआ था, परंतु इस बार गोहाना के हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं. यहां इस बार सीधे मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस का होना वाला है.
जींद विधानसभा में क्या होगा इसकी जींद उपचुनाव में पूरे हरियाणा ने देखी है. जिसके बाद बीजेपी का विजयी रथ रूकने का नाम नहीं ले रहा है.
जुलाना सीट पर बीजेपी काफी कमजोर नजर आ रही थी, परंतु जल्द ही इनेलो के वर्तमान विधायक परमिंदर ढुल बीजेपी में शामिल हो जाएंगे, जिसके बाद ये सीट बहुत आराम से बीजेपी के खाते में आ जाएगी.
सफीदो विधानसभा में पिछली बार भले ही बीजेपी जीत का परचम नहीं लहरा पाई थी, परंतु इस बार बीजेपी के लिए यहां कोई चुनौती ही नजर नहीं आ रही है. कांग्रेस के दिग्गज नेता बीजेपी में ही शामिल हो गए हैं.
सोनीपत विधानसभा पर बीजेपी का पहले से ही कब्जा बना हुआ है. वहां बीजेपी को ज्यादा परेशानी आने वाली नहीं है.
सोनीपत लोकसभा की 9 विधानसभा सीटों में से बड़ौदा व गोहाना में थोड़ा मुकाबला होने की संभावना लग रही हैं बाकी 7 विधानसभा पर बीजेपी का एक तरफा परचम लहराता हुआ साफ दिख रहा है.