अंबाला लोकसभा सीट में पंचकूला जिला, अंबाला जिला और यमुनानगर जिला(रादौर विधान सभा छोड़कर) आते हैं. इसके अंतर्गत कालका, पंचकूला, नारायणगढ़, अंबाला कैंट(छावनी), अंबाला शहर, मुलाना, सढौरा, जगाधरी और यमुनानगर-ये 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं.
हरियाणा में इस लोकसभा सीट की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि अतीत में यहां से दो लोकसभा सांसद चुने जाते थे. एक सामान्य जाति से और दूसरा आरक्षित जाति से. बाद में यह केवल आरक्षित सीट बना दी गई.
यहां से बनने वाले सांसद-
1967-सूरजभान (जनसंघ), 1971-डॉ. रामप्रकाश(कांग्रेस), 1977- सूरजभान (जनता पार्टी), 1980-सूरजभान (जनता पार्टी), 1984-डॉ. रामप्रकाश (कांग्रेस), 1989- डॉ. रामप्रकाश (कांग्रेस), 1991- डॉ. रामप्रकाश (कांग्रेस), 1996-सूरजभान, 1998-अमन कुमार नागरा(बहुजन समाज पार्टी), 1999-रतनलाल कटारिया(भाजपा), 2004-कुमारी सैलजा(कांग्रेस), 2009-कुमारी सैलजा(कांग्रेस), 2014-रतनलाल कटारिया(भाजपा)
फरीदाबाद से कृष्णपाल गुर्जर और रतनलाल कटारिया दोनों ने आधे से ज्यादा वोट प्राप्त किए हैं.
सभी 9 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी राजकुमार बाल्मीकि दूसरे नंबर पर रहे. जबकि इनेलो की कुसुम शेरवाल सभी जगह तीसरे या चौथे नंबर पर रही. जबकि इनेलो के पास कालका, मुलाना और यमुनानगर में उनके विधायक थे. शेरवाल की जमानत जब्त हुई और उन्हें मात्र 10.63%वोट ही मिले. जिसका बुरा परिणाम विधानसभा चुनाव में यह निकला कि इनेलो यहां की सभी विधानसभा सीटें हार गई. वहीं दूसरी तरफ बसपा के प्रत्याशी को करीब 1 लाख वोट मिले थे.
अगर इनेलो और बसपा का गठबंधन होता है तो उन्हें इसका फायदा लोकसभा से ज्यादा विधानसभा में मिलने की संभावना है. राजनीति के विश्लेषक इस सीट पर आकलन करते हुए लिखते हैं कि अंबाला की आरक्षित सीट पर अब तक बने सभी सांसद चमार जाति के रहे हैं और 2014 चुनाव में भी यह सिलसिला कायम रहा है.
अनिल विज और कटारिया के बीच खींचतान की खबरें आई थी-
गौरतलब है कि एक बीजेपी कार्यकर्ता द्वारा सीएम विंडो पर अंबाला से सांसद रतनलाल कटारिया के लापता होने की शिकायत पर जब विज से सवाल पूछा गया तो वह कटारिया के खिलाफ बहुत कुछ बोल गए. उन्होंने कहा कि सांसद ने न तो जीतने के बाद कभी कार्यकर्ताओं से बातचीत की, न कभी अपने सांसद कोष से अंबाला में विकास कार्य करवाए. बतौर विज, कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सांसद कटारिया कभी उनके दुख-सुख में शामिल नहीं हुए और न ही उन्हें कभी बुलाया.
जाट आरक्षण पर बयान देते हुए उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कोई उचतम /उच्च न्यायलय के मुख्यन्यायधीश से उपर नहीं हैं जो जाटों को आरक्षण परोस कर दे दें. उन्होंने जाट नेताओं को समझाने के अंदाज में कहा कि उन्हें न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना चाहिए और बातचीत करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कड़े अंदाज में कहा कि अगर कोई कानून हाथ में लेगा तो कानून अपना काम करेगा.
कालका से भाजपा की लतिका शर्मा ने इनेलो के प्रदीप चौधरी को हराया. लतिका शर्मा को 50,347 वोट(40%), प्रदीप चौधरी को 31,320(25.14%), कांग्रेस की मनवीर कौर को 19,139(15.36%)
पंचकूला से भाजपा ने ज्ञानचंद गुप्ता को 69,916(54.29), इनेलो के कुलभूषण गोयल को 25,314(19.66), कांग्रेस के देवेंद्र कुमार बंसल 15,564(12.09)
नारायणगढ़ से भाजपा के नायब सिंह को 55,931(39.79), कांग्रेस के रामकिशन को 31,570(22.46), बसपा के राम सिंह को 30,736(21.87), इनेलो के जगमाल सिंह को 16,836(11.98)
अंबाला छावनी से भाजपा के अनिल विज को 66,605(52.49), कांग्रेस के निर्मल सिंह को 51,143(40.31), इनेलो के सूरज प्रकाश जिंदल को 5407(4.26)
अंबाला शहर से भाजपा के असीम गोयल को 60,216(37.30), हरियाणा जनहित कांग्रेस के विनोद शर्मा को 36,964(22.90), कांग्रेस के हिमत सिंह को 34,658(21.47), शिरोमणि अकाली दल के बलविंद्र सिंह को 22,783(14.11)
मुलाना से भाजपा की संतोष चौहान को 49,970(32.16), इनेलो के राजबीर सिंह को 44,321(28.53), कांग्रेस के वरुण चौधरी को 43,915(28.26)
सढौरा से भाजपा के बलवंत सिंह को 63,772(38.74), इनेलो की पिंकी छप्पर को 49,626(30.15), कांग्रेस के राजपाल को 21,299(12.94)
जगाधरी से भाजपा के कंवरपाल गुर्जर को 74,203(44.79), बसपा के अकरम खान को 40,047(24.18), इनेलो के बीएल सैनी को 14,794(8.93), कांग्रेस के भूपल सिंह भाटी को 9549(5.76)
यमुनानगर से भाजपा के घनश्याम दास को 79,743(51.51), इनेलो के दिलबाग सिंह को 51,498(33.26), बसपा के अरविंद शर्मा को 10,367(6.70), कांग्रेस के कृष्ण पंडित 9603(6.20)