हिसार लोकसभा सीट से दुष्यंत चौटाला के लिए नई पार्टी बनाना रहेगा फायदे का सौदा!
हिसार लोकसभा सीट पर अलग-अलग पार्टी से चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार ही सांसद बने हैं।
23 मार्च 2019
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नया हरियाणा
सन 1951 से लेकर सन 2009 तक हुए 15 लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि हिसार लोकसभा सीट से कोई भी नेता एक ही पार्टी से दोबारा सांसद नहीं बन पाया है. जय प्रकाश उर्फ जेपी 3 बार और सुरेंद्र बरवाला व मनीराम बागड़ी दो-दो बार सांसद बने, लेकिन हर बार उनकी पार्टी अलग रही. या तो उन्होंने अपनी पहली पार्टी छोड़ दी या फिर अपनी पार्टी का नाम बदल दिया.
हिसार से पहली बार वर्ष 1951 में कांग्रेस प्रत्याशी लाला अंचित राम निर्दलीय प्रत्याशी हरदेव सहाय को हराकर सांसद बने थे. उन्होंने दोबारा चुनाव नहीं लड़ा. साल 1977 तक हुए 6 लोकसभा चुनाव में एक भी व्यक्ति यहां से दूसरी बार चुनाव नहीं जीत पाया. लेकिन साल 1980 में सातवीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में मनीराम बागड़ी दूसरी बार सांसद बने. इस साल वे जनता पार्टी (एस) की टिकट से सांसद बने. तो इससे पहले वे वर्ष 1962 में सोशलिस्ट पार्टी से सांसद बने थे. मनीराम ने हिसार से लगातार चार बार लोकसभा चुनाव लड़ा और वह पहली व अंतिम बार ही सांसद बन पाए.
इनके बाद दो बार सांसद बनने का रिकॉर्ड जयप्रकाश ने वर्ष 1996 में बनाया. साल 1989 में जयप्रकाश जनता दल के टिकट पर सांसद बने. साल 1996 में 11 वीं लोकसभा के लिए वे हरियाणा विकास पार्टी की टिकट पर सांसद बने थे. दोनों ही बार अलग-अलग पार्टी से चुनाव मैदान पर उतरे. इनके बाद साल 1998 व साल 1999 में हुए 12 वीं व 13 वीं लोकसभा के चुनाव में लगातार दो बार जीत दर्ज करके सुरेंद्र बरवाला ने भी यह रिकॉर्ड अपने नाम किया. लेकिन साल 1998 में इनकी पार्टी का नाम हरियाणा लोक दल था, जो साल 1999 में बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल हो गया. सुरेंद्र बरवाला ने वर्ष 2004 में भी चुनाव लड़ा लेकिन वह जीत नहीं पाए. इसके बाद 2004 में 14 वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में जयप्रकाश फिर से हिसार लोकसभा सीट से जीत कर तीसरी बार सांसद बने. लेकिन उन्होंने इस बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था.