पॉली या नेट हाउस में कम लागत में तैयार होती हैं ऑफ सीजन सब्जियां
पॉली या नेट हाउस बनाने के लिए क्या-क्या जरूरी है.
28 फ़रवरी 2019
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नया हरियाणा
पॉली या नेट हाउस में ऑफ उगाई जाने वाली सब्जियां पारंपरिक तरीके से पैदा सब्जियों के मुकाबले कम लागत में तैयार होती हैं। कारण ओपन फिल्ड में पानी नालियों के इस्तेमाल से क्रोप्स में दिया जाता है। जबकि पॉली/ नेट में टपका विधि का इस्तेमाल किया जाता है। क्रोप्स के लिए जरूरी खुराक भी पानी के साथ एक समान मात्रा मे दी जाती है। जबकि ओपन फिल्ड में यह संभव नहीं है। रोगों की रोकथाम के लिए भी ओपन फिल्ड में दवा के छिड़काव का खर्च अपेक्षाकृत ज्यादा होता है। पॉली/ नेट हाउस में टमाटर, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, खीरे, लौकी आसानी से उगाए जा सकते है। वहीं ंं पौधों की फोटोसेंथिसिस प्रक्रिया के लिए जरूरी कार्बन डाइऑक्साइड की पॉली या नेट हाउस में कम लागत में तैयार होती हैं ऑफ सीजन सब्जियां टपका विधि से सिंचाई कर पारंपरिक तरीके से कर रहे खेती मात्रा भी ओपन फिल्ड के बजाए ग्रीन हाउस में ज्यादा होती है। इससे फसल की पैदावार ज्यादा होती है। स्वायल स्टेरेलाइजेशन की मात्रा अच्छी होती है। जिस कारण सब्जियों में लगने वाले रोग जैसे मृदा जनित फफूंद सहित अन्यों का प्रकोप कम हो जाता है। इसी के चलते भारतीय कृषि अनसंधान ने कई सब्जियों की उन्नत किस्में भी विकसित की है। जो आसानी से पॉली/ नेट में उगाई जा सकती है। इनमें प्रमुख रूप से हरी शिमला मिर्च की बांबे 1, टमाटर की पसा - चेरी 1 सहित कई किस्म शामिल हैं।
पॉली या नेट हाउस बनाने के लिए क्या-क्या जरूरी
खेती की जमीन, हाउस बनाने का ढांचा, हाउस में इस्तेमाल होने वाले उपकरण, सिंचाई के साधन, बीज, उर्वरक, प्रेजरवेटिव्स, कीटनाशक, ग्रेडिंग एंव पैंकिंग यूनिट, माल ढुलाई के लिए वैन, ऑफिस में काम आने वाले उपकरण, पॉली हाउस में इस्तेमाल होने वाली मशीने और मजदूर।