कांग्रेस पर सर्जिकल स्ट्राइक, कुंभ स्नान के साथ जिंदल परिवार ने बदली रणनीति
खबर के अनुसार जिंदल परिवार भाजपा में शामिल हो सकता है.
26 फ़रवरी 2019
Share
4269
नया हरियाणा
हिसार टुडे बेवपोर्टल के अनुसार- जब बात अडानी, अंबानी, टाटा और बिरला की करें तो इन सभी घरानों का भाजपा से एक घनिष्ट पारिवारिक और व्यावसायिक रिश्ता रहा है मगर इन सब उद्योगपतियों के बीच जिंदल आज भी कांग्रेस के विश्वासपात्र बने हुए हैं। अगर जिंदल परिवार की बात करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि सुख-दुख की घडी में सावित्री जिंदल ने हर समय कांग्रेस का साथ दिया और उनके बेटे नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र से टिकट दिलवाकर राजनीति में लाने की कोशिश की। मगर अब न खुद वह विधायिका है और न ही उनका बेटा सांसद। इस बीच हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की दुर्गती भी जिंदल परिवार के सामने बड़ा सवाल था कि अगर कांग्रेस की यही दशा रही तो आने वाले 10 सालों तक भाजपा को यहां से कोई नहीं हिला पायेगा। यही कारण है आगामी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को देखते हुए यह कयास लगाए गए थे कि लोकसभा चुनाव के पूर्व हवाओं का रुख देखते हुए नवीन जिंदल और जिंदल परिवार भाजपा में शामिल हो सकता है। शायद अब वह समय निकट आ गया है जब जल्द ही नवीन जिंदल भाजपा में आधिकारिक तौर पर शामिल हो सकते हैं। गौरतलब बात है कि मेयर और जींद उपचुनाव के नतीजों के बाद सावित्री जिंदल अचानक से “NO Range” में चली गई। जो इस बात के साफ संकेत दे रहा है कि कुछ न कुछ खिचड़ी जरूर पक रही है।
सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि हाल फिलहाल कुंभ मेले में देश का एक मजबूत राजनीतिक घराने जिंदल परिवार और भाजपा के मंत्रियों की बड़ी स्नेही मुलाकात हुई थी। जहां से जिंदल के भाजपा में शामिल होने की रणनीति बनी।
सूत्रों के अनुसार जल्द ही वह दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए भाजपा में आधिकारिक तौर पर एंट्री कर सकते हैं। बताया जाता है कि सावित्री जिंदल के दामाद रोहतक से भाजपा पार्टी की टिकट से मेयर का चुनाव जीत कर आये, इतना ही नहीं नवीन जिंदल के भाई सज्जन जिंदल का खुद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से अच्छे और मधुर सम्बन्ध हंै। वह लम्बे समय से प्रयास कर रहे थे की पूरा परिवार भाजपा में शामिल हो जाए। मगर ऐसा लगता है कुंभ स्न्नान के साथ डुबकी लगाकर जिंदल परिवार जल्द भाजपा से अपनी नई सियासी पारी शुरू करने जा रहा है।
भाजपा जिंदल के लिए हिसार और कुरुक्षेत्र में तलाश रही सियासी जमीन
सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर को पार्टी आलाकमान से जिंदल के भाजपा में एंट्री के संकेत मिल गए हैं। भाजपा पार्टी आलाकमान जल्द ही नवीन जिंदल को लोकसभा सीट से उतारने की तैयारियों मे है। यही कारण है कि इन दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नवीन जिंदल के लिए हिसार की राजनितिक पृष्टभूमि से जीतने की गुंजाइशों की सम्भावनाओं की तलाश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर यह चाहते हैं कि नवीन जिंदल को हिसार से चुनावी मैदान पर उतारा जाए। क्योंकि हिसार लोकसभा सीट पर भाजपा ने कभी अपने उम्मीदवार को नहीं उतारा। हमेशा यहां गठबंधन का उम्मीदवार ही खड़ा किया है। भाजपा इस बार चाहती है कि हरियाणा की 10 की 10 लोकसभा सीटों पर उसका कब्जा हो। ऐसे में अगर दुष्यंत और कुलदीप बिश्नोई मैदान में उतरते हैं तो भाजपा को लगता है कि उनको कड़ी चुनौती सिर्फ नवीन जिंदल ही दे पाएंगे। इसलिए पार्टी आलाकमान और खुद मुख्यमंत्री हिसार की रिपोर्ट मंगवा रहे है। अगर परिस्थितियां अनुकूल रही तो नवीन जिंदल को हिसार लोकसभा सीट से दावेदारी दी जा सकती है।
व्यवसायिक तरक्की की लालसा भी हो सकती है भाजपा में जुड़ने का कारण!
बता दें कि आज के दौर में देश की बहुचर्चित उद्योग और उद्योगपति प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से भाजपा से जुड़े हुए हैं। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “स्टार्टअप इंडिया” स्तनदूप इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, मुद्रा बैंक योजना, आयुष्मान भारत योजना की भरमार है। भारत के उद्योगपतियों को पता है कि भाजपा के साथ रहने से उनकी व्यावसायिक तरक्की आसान है। इसमें सभी उद्योगपति भारत सरकार की विभिन्न स्कीम का फायदा उठाकर तरक्की कर रहे हैं। एक तरह से देखा जाए तो सभी उद्योगपति भाजपा के साथ हैं मगर जिंदल समूह आज भी कांग्रेस के प्रति वफादार है। मगर ऐसी चर्चायें चल रही हैं कि नवीन जिंदल अपने व्यावसायिक फायदे के लिए भाजपा में शामिल हो जाएंगे। इतना ही नहीं यह बात जगजाहिर है कि जब नवीन जिंदल की जेएसपीएल घाटे में जा रही थी, तब जेएसपीएल को जीवित रखने का काम चौधरी बीरेंद्र सिंह ने किया था। बीरेंद्र सिंह जो उस समय इस्पात मंत्री थे उन्होंने उस समय ऐसी पॉलिसी बनाई कि देश का इस्पात देश में ही इस्तेमाल किया जाएगा। उनके इस फैसले से जेएसपीएल अर्थात जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड कंपनी को बहुत मुनाफा पहुंचा। यही कारण है कि भाजपा ने जिंदल परिवार के लिए जो किया और आगे के विकास के दृष्टिकोण को देखते हुए व्यावसायिक मुनाफे के लिए जिंदल परिवार भाजपा में शामिल होने का मन बना रहा है।
सावित्री जिंदल को नलवा से दी जा सकती है विधानसभा की टिकट
बता दें कि नवीन जिंदल के हिसार या कुरुक्षेत्र में लोकसभा सीट को लेकर चर्चाओं के बीच यह कोशिश की जायेगी कि सावित्री जिंदल को ऐसे विधानसभा क्षेत्र से उतारा जाए जहां उनके जीतने की सम्भावना अधिक होगी। बता दें कि सावित्री जिंदल यह बार बार कहती आई हैं कि यह विधानसभा चुनाव उनका आखिरी विधानसभा चुनाव होगा। यही कारण है कि वह चाहती है कि यह चुनाव वह जीते। मगर सावित्री जिंदल जानती है कि कांग्रेस पार्टी में रहते हुए उनकी यह जीत मुमकिन नहीं है। गौरतलब बात है कि हकीकत तो यह है कि हिसार में जिंदल चुनाव का वोटबैंक घटा है, यह वोट बैंक घटने के कारण सावित्री जिंदल के लिए हिसार चुनाव जीतना मुश्किल है। यही कारण है कि वह अगला विधानसभा चुनाव नलवा से लड़े। क्योंकि नलवा ओपी जिंदल का पैतृक गांव है। इस गांव में जिंदल परिवार का अच्छा खासा वोटबैंक है इसलिए हो सकता है कि सावित्री जिंदल नलवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े। क्योंकि इस क्षेत्र में जिंदल फैक्ट्री में काम करने वाले कामगारों का भी वोट है। ऐसे में उनको लगता है भाजपा की शक्ति के साथ वह नलवा से चुनाव जीत पाएगी। क्योंकि सावित्री जिंदल को पिछले चुनाव में डॉ कमल गुप्ता से बुरी तरह पराजित हुई थी इसलिए हो सकता है कि हार के डर से भी वह हिसार विधानसभा से चुनाव न लड़ना चाहे। इसलिए हो सकता है कि जल्द ही उनकी भाजपा में एंट्री हो जाएगी।
नवीन जिंदल ने खबरों को कहा ‘फेक’
नवीन जिंदल ने मीडिया में फैली रिपोर्ट पर नवीन जिंदल ने ट्वीटर पर जवाब दिया कि यह फेक न्यूज है। उन्होंने कहा कि आखिर यह खबर बाहर आई कैसे ?