हरियाणा के वित्त मंत्री के तौर पर लगातार पांचवें वर्ष बजट प्रस्तुत करते हुए मुझे बड़े गौरव का अनुभव हो रहा है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र के उद्धरण से प्रारम्भ करना चाहता हूँ -
प्रजा सुखे सुखं राजः प्रजानां च हिते हितम्।
नात्मप्रियं प्रियं राजः प्रजानां तु प्रियं प्रियम् ॥
प्रजा के सुख में सरकार का सुख है,
प्रजा के हित में सरकार का हित है,
प्रजा को जो प्रिय है, वही सरकार को प्रिय है।
भारतीय अर्थ-व्यवस्था का वैष्विक अर्थ-व्यवस्था में निरन्तर विषिष्ट स्थान बना हुआ है क्योंकि यह वर्ष 2018-19 में 7.2 प्रतिषत के साथ तेजी से बढ़ती हुई विश्व की प्रमुख अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक होगी। वर्ष 2019-20 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि का विष्व बैंक का आकलन 7.5 प्रतिषत तथा एशियाई विकास बैंक का आकलन 7.6 प्रतिषत है। माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में, भारत ने तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक होने तथा विश्व में एक स्थिर लोकतंत्र होने का दोहरा गौरव हासिल किया है।
हरियाणा सरकार की तरफ से, अन्तरिम बजट- 2019-20 में केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई नई योजनाओं का स्वागत करता हूँ, जिनमें हमारी अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले किसानों के लिए आय-सहायता योजना-प्रधानमंत्री-किसान योजना, हमारी अर्थ-व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण भाग माने जाने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन के रूप में आय सुरक्षा मुहैया करवाने वाली प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना शामिल हैं।
2018-19 के दौरान, अग्रिम अनुमानों के अनुसार, हरियाणा के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल होने की सम्भावना है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 7.2 प्रतिशत दर्ज की गई है। अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वर्तमान मूल्यों पर वर्ष 2018-19 के लिए हरियाणा का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 7.07 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसका 188.41 लाख करोड़ रुपये के अखिल भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में 3.75 प्रतिशत का योगदान है। वर्श 2018-19 में स्थिर मूल्यों पर हरियाणा का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 5.26 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जोकि 139.52 लाख करोड़ रुपये के अखिल भारतीय सकल घरेलू उत्पाद का 3.77 प्रतिषत है।
वर्ष 2018-19 में, स्थिर मूल्यों पर सकल राज्य मूल्य वर्धित की वृद्धि प्राथमिक क्षेत्र में 5.5 प्रतिषत, द्वितीयक क्षेत्र में 8.6 प्रतिषत और तृृतीयक क्षेत्र में 8.2 प्रतिषत अनुमानित है। इसी अवधि के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तदनुरूपी आंकड़े प्राथमिक क्षेत्र के लिए 3.3 प्रतिषत, द्वितीयक क्षेत्र के लिए 8.6 प्रतिषत और तृृतीयक क्षेत्र के लिए 7.3 प्रतिषत अनुमानित हैं।