प्रियंका कौशिक की पूरी टीम आजकल हरियाणा के अलग-अलग गामों में घूमकर लोकगायकों और लोक संस्कृति से जुड़े अनेक किस्से और कहानियों को इकट्ठा कर रही हैं। ताकि उन्हें एक किताब के रूप में प्रस्तुत करके हरियाणवी संस्कृति और लोक गायकों से जुड़ी जानकारियां लिखित रूप में दर्ज हो सकें। अन्यथा ये वाचिक किस्से और कहानियां बुजुर्गों के साथ चली जाएंगी। बुजुर्ग के अनुभव और जीवन को देखने के नजरिए लिखित रूप में किताब में दर्ज होंगे तो आने वाली पीढ़ियां किताबों के माध्यम से अपने गौरवशाली अतीत से रू-ब-रू हो सकेंगे। अगर आप भी अपने अनुभव शेयर करना चाहते हैं तो नीचे दिए फेसबुक लिंक पर जाकर प्रियंका कौशिक से संपर्क कर सकते हैं और अपने अनुभवों को किताब में दर्ज करवा सकते हैं। इस मुहिम से जुड़िए और दूसरों को भी जोड़िए.
प्रियंका कौशिक अपनी फेसबुक पर अपने अनुभवों को शेयर करते हुए लिखती हैं कि-
गाँव- छान्या
(लोकसभा-सोनीपत) (विधानसभा-जुलाना)
हमारा हरियाणा अनेक रंगों से भरा हुआ है.. प्यार,अपनापन,लाड़-प्यार..
, naya haryana, नया हरियाणा'>
हमारे बड़े बुजुर्ग से मिलना बहुत कुछ सीखा देता है..
जहां में बैठी हूँ यहां एक भाई का फौज में सेलेक्शन हुआ है और भाई को बेटा भी हुआ है .. और इस खुशी में हमारा जाना कुदरती हुआ... इस गाँव की यात्रा 3 भाग में बताउंगी 🙂
जाना भी क्या हुआ हम तो बस गए इस जानकारी के बाद कि इस गांव में पण्डित मांगे राम जी ने बहुत सांग कर रखे है.. और समाज से जुड़े अनेको कार्य कर रखे है.. बस हम इस गाँव मे बड़े बुजुर्गों को देख कर उतर गए और बस फिर हमने उनको बताया कि हम इस वजह से हरियाणा की यात्रा कर रहे है.. संस्कृति से जुड़े बहुत पहलू और अपने भाईचारे को लेकर अनेको सवाल है तो इन पहलुओ को समझा दो... बस इतनी देर थी बताने की सारा गाम राम इकठ्ठा हो गया तो इस गाँव में हम 3 जगह गए ...
, naya haryana, नया हरियाणा'>
तो पहले भाग में मैं अपने हरियाणा की महिलाओं व हमारी ताइयो से मिली.. इस भाग को बताउंगी ...
यहां जाकर मैंने अपनो का प्यार पाया...
मेरा पहला सवाल ताई नारायणी और ताई सावित्री से था की ताई पण्डित मांगे राम जी के सांग देखे है कदे आपने.. रागनियां सुनी है.. तो छूटते ही बोली बेटी या के बात कर दी तन्ने.. ले सुनाऊ तन्ने गंगा जी तेरे खेत मे गडे रे हिंडोले चार .. बस कहते ही अनेको भजन जो रागनियों ये सुनते थे मुझे सुनने को मिली..
ताई नारायणी ने बताया कि
दामन पहर के, कंठी टूम पहर के जमा सुथरी सिंगर के हम सब सान्ग देखने जाती थी.. अपना अपना पीढ़ा लेकर.. सबसे आगे बैठते थे हम..
, naya haryana, नया हरियाणा'>
मैंने पूछा ताई उस समय महिलाओं को मनाही नही थी सान्ग देखने की.. बोली बेटी खूब लुगाई काम निपटा के अपने परिवार के साथ सान्ग देखने जाती थी.. पण्डित जी ने का इस गाँव से खास रिश्ता था... यहां उन्होंने स्कूल व घाटों , मन्दिरो से लेकर अनेक सामाजिक कामों के लिए सान्ग करे थे.. गाम राम सब कठा हो जाया करता था.. बोली खूब राजी रहते थे हम.. खूब शौक था बेटी..
गाँव का भाईचारा एक था.. और पण्डित जी के सांग तो बहुत देखे गाम में.. ज्ञान की घणी बात होया करे थी..
सीखन का बहुत कुछ था... ज्याते सान्ग देखन की मनाही नही थी...कुछ भी फुहड़ कोन्या हुआ करता था...
ताइयो से व महिलाओं से अनेक बातें की की कितना कुछ है जो अपनी महिलायें बता देना चाहती है.. हर तरह का शौक .. खिलखिलाती हँसी.. हँसते हुए चेहरे..
सब कुछ किताब में लिखूंगी...
ऐसी अनेको बात ताईयो और कईयो की रिकॉर्ड है और किताब में पढ़ने को मिलेगी..
इस गांव में बिना जानकारी के जाना हुआ पर जैसे ही गाँव मे उतरी और अपना परिचय परिवार के साथ दिया सारा गाँव अपना हो गया.. बहुत सारी जानकारियां निकल आयी..
भाई के फौज में जाने की खुशी और बेटे की खुशी में शामिल होने का मौका मिला और सवामणी का प्रसाद खाने को मिला.. जितना सोचा नही था उससे ज्यादा प्यार मिला...
बाकी अपनी हरियाणा यात्रा का वृतांत किताब में पढ़ने को मिलेगा आप सबको.... मैं चाहती थी अपने हरियाणा को जानने का मौका मिले व अपने लोगो से जाकर मिलू.. इससे अच्छा मौका शायद ही मिल सके मुझे...
प्यार से भरा हरियाणा
गाँव- छान्या
(लोकसभा-सोनीपत) (विधानसभा-जुलाना)
भाग - 2
हमारा हरियाणा अनेक रंगों से भरा हुआ है.. प्यार,अपनापन, लाड़-प्यार..
हमारे बड़े बुजुर्ग से मिलना बहुत कुछ सीखा देता है..
जहां में बैठी हूँ यहां एक भाई का फौज में सेलेक्शन हुआ है और भाई को बेटा भी हुआ है .. और इस खुशी में हमारा जाना कुदरती हुआ... इस गाँव की यात्रा 3 भाग में बताउंगी 🙂
जाना भी क्या हुआ हम तो बस गए इस जानकारी के बाद कि इस गांव में पण्डित मांगे राम जी ने बहुत सांग कर रखे है.. और समाज से जुड़े अनेको कार्य कर रखे है.. बस हम इस गाँव मे बड़े बुजुर्गों को देख कर उतर गए और बस फिर हमने उनको बताया कि हम इस वजह से हरियाणा की यात्रा कर रहे है.. संस्कृति से जुड़े बहुत पहलू और अपने भाईचारे को लेकर अनेको सवाल है तो इन पहलुओ को समझा दो... बस इतनी देर थी बताने की सारा गाम राम इकठ्ठा हो गया तो इस गाँव में हम 3 जगह गए ...
वहां जाकर हम बहुत सारे भाइयो से व बड़े बुजुर्गों से मिलना हुआ 💐
सांस्कृतिक चर्चा खूब हुई ... सबके साथ ...
जितना सोचा नही था उससे ज्यादा प्यार मिला...
रमेश कौशिक,बिजेंद्र सांगवान, संजीत कौशिक,राजबीर रोहिल्ला जी व अन्य सभी मिलना हुआ और संस्कृतिक चर्चा हुई ...भाईचारा इस गाँव मे आकर देखने को मिला... वाकई अच्छा अनुभव रहा....
बाकी अपनी हरियाणा यात्रा का वृतांत किताब में पढ़ने को मिलेगा आप सबको.... मैं चाहती थी अपने हरियाणा को जानने का मौका मिले व अपने लोगो से जाकर मिलू.. इससे अच्छा मौका शायद ही मिल सके मुझे...
प्यार से भरा हरियाणा