जननायक जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में पसरी निराशा व हताशा
जेजेपी कार्यकर्ता जींद उपचुनाव में अपनी जीत तय मानकर चल रहे थे.
11 फ़रवरी 2019
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नया हरियाणा
जींद उपचुनाव में जीत के प्रति आश्वस्त दुष्यंत के समर्थकों के चेहरे पर कई दिनों से उदासी नजर आ रही है। यह उदासी दरअसल जींद उपचुनाव को हर सूरत में जीतने के लिए रणनीति बनाकर मैदान में उतरी टीम के असफल होने से उपजी है.इस निराशा का बड़ा कारण यह भी है कि जेजेपी कार्यकर्ता जींद उपचुनाव में अपनी जीत मान कर चल रहे थे. जबकि उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि दिग्विजय चौटाला हार जाएंगे.
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अति आत्मविश्वास और उत्साह के साथ निराशा और हताशा का गहरा संबंध जुड़ा होता है. यह अति आत्मविश्वास और उत्साह ही जेजेपी कार्यकर्ताओं में हताशा और निराशा का मूल कारण बनता जा रहा है. उन्हें यह भी डर सता रहा है कि आने वाले चुनावों में तो पूरी पार्टी के वर्कर अलग-अलग लोकसभा और विधानसभा में बिखर जाएंगे, ऐसे में पार्टी को जीत कैसे मिलेगी. जबकि उन्हें उम्मीद ये लग रही थी कि जींद उपचुनाव में जीत के बाद हरियाणा का माहौल एकदम से बदल जाएगा. जबकि हुआ उसके एकदम विपरीत. बीजेपी की जीत ने बीजेपी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया है, जबकि जेजेपी के कार्यकर्ता इस बात से संतुष्ट नहीं है कि उन्होंने इनेलो को करारी शिकस्त दी है. क्योंकि जेजेपी कार्यकर्ताओं का दिल अभी भी लोकदली है, ऐसे में वो इनेलो की हार से संतुष्ट नहीं हो रहा है.
जींद में भाजपा बाजी मार गई. पहले चुनाव में बाजी मारने के लिए सियासी गोटियां बिछा चुके दोनों भाइयों व सलाहकारों को पराजय का एहसास नहीं था. किंतु कार्यकर्ताओं में हार के बाद निराशा का होना स्वाभाविक है. लेकिन निराश टीम में जान डालने के लिए सांसद दुष्यंत चौटाला 'थकान' शब्द को हटाने की अपील कर रहे हैं. इतना ही नहीं दोबारा दम भरने के लिए चौधरी देवीलाल द्वारा कहे जाने वाली कई अहम शिक्षा दे रहे हैं.