जींद उपचुनाव में दिग्विजय चौटाला को करारी हार का सामना करना पड़ा है.
6 फ़रवरी 2019
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नया हरियाणा
जननायक जनता पार्टी के नेता एवं जींद उपचुनाव में प्रत्याशी रहे दिग्विजय चौटाला ने कहा कि वे आंकड़ों के हिसाब से जींद उपचुनाव हारे हैं. लेकिन उन्होंने जनता का दिल जरूर जीता है. दिग्विजय ने कहा कि उन्हें हारने का जरा भी अफसोस नहीं. क्योंकि वह जानते हैं कि विरोधियों ने पॉलीटिकल मैच फिक्स कर लिया था. अब जींद की जनता के हकों को लेकर वह विधानसभा के बाहर संघर्ष करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि जींद उपचुनाव में जो भी खामियां रही हैं उन्हें आने वाले समय में दूर किया जाएगा. दिग्विजय ने यह भी संकेत दिये कि उन्हें समान विचारधारा वाले दलों से गठबंधन का परहेज नहीं है.
उन्होंने कहा कि जींद उपचुनाव से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा का विकल्प केवल जजपा है और जनता ने कांग्रेस, इनेलो सहित अन्य दलों को नकार दिया है. एकता का दम भरने वाली कांग्रेस के प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला तो अपनी जमानत भी मुश्किल से बचा पाए हैं. जनता बेरोजगारी दूर करने व नई सोच का हरियाणा बनाने के लिए हमारे साथ है.
दिग्विजय ने कहा कि 50 दिन पुरानी जेजेपी को जींद उपचुनाव में 38,000 वोटों का मिलना सच में एक बड़ी बात है. उससे भी बड़ी बात है कि शहरी मतदाताओं ने पार्टी को अभूतपूर्व समर्थन दिया. हम लठदल को पीछे छोड़ आए हैं और पुराना दल हमारे लिए बीता हुआ कल है, जिससे हमें बहुत कुछ सीखने और सीखाने का अवसर मिला. दुष्यंत चौटाला को आगे बढ़ने से रोकने के लिए सभी राजनीतिक विरोधी एक हो गए. इसका प्रमाण उपचुनाव में भाजपा के पक्ष में विरोधी दलों द्वारा अपने वोट ट्रांसफर करवाने से मिलता है.