मानेसर जमीन घोटाला: CBI ने भूपेन्द्र हुड्डा के खिलाफ चार्जशीट दायर की
भूपेंद्र हुड्डा की मुश्किले बढ़ती जा रही हैं, जबकि उनकी साख पार्टी में घटती जा रही है.
2 फ़रवरी 2018
Share
1955
नया हरियाणा
मानेसर जमीन घोटाले में शुक्रवार को सीबीआई ने पंचकूला स्थित स्पेशल कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित पांच लोगो के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई है। इसके अलावा इस चार्जशीट में बिल्डरों और दूसरे कई लोगो के नाम हैं। उल्लेखनीय है कि मानेसर जमीन घोटाले में ही 12 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णय सुरक्षित रखा हुआ है। उस दिन सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जाँच रिपोर्ट को सबमिट करने के लिए चार महीने का समय दिया था व हरियाणा सरकार को आदेश दिए थे कि एक सप्ताह के अन्दर ढींगरा कमीशन की रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। अब इस मामले में सीबीआई ने पंचकूला की सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज कपिल राठी को मानेसर मामले में चार्जशीट फाइल कर दी है। जिसमें हुडडा के अलावा एम एल तायल, छतर सिंह, एस एस ढिल्लो, पूर्व डीटीपी जसवंत सहित कई बिल्डरों के खिलाफ चार्ज शीट में नाम आया है।
मानेसर घोटाला
हरियाणा में लगातार एक दशक तक राज करने वाले कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान गुरुग्राम में एक से बढ़कर एक जमीन घोटाले हुए। इन्हीं में से एक है मानेसर जमीन घोटाला। मानेसर, जहां कई बहुराष्री सेय कंपनियां हैं। जहां की जमीन बेशकीमती है। आरोप है कि हुड्डा सरकार ने बिल्डमरों को लाभ पहुंचाने के लिए पहले किसानों को अधिग्रहण का खौफ दिखाया और फिर 1600 करोड़ रुपये की जमीन महज 100 करोड़ में ही बिल्डिरों से खरीदवा कर किसानों को लूट लिया।
हुड्डा के घर पर सीबीआई की छापेमारी भी हुई हो लेकिन सीबीआई ने यह केस साल भर पहले 17 सितंबर को मानेसर के पूर्व सरपंच ओम प्रकाश यादव की शिकायत के आधार पर हरियाणा व केंद्र सरकार के निर्देश पर दर्ज किया था। यादव ने 12 अगस्त को मानेसर पुलिस थाने में केस रजिस्टर्ड कराया था। किसानों के साथ हुए षडयंत्र की जांच स्था2नीय पुलिस कर रही थी। बाद में सरकार ने उसे सीबीआई को दिया। यादव के मुताबिक मानेसर व उसके आसपास के गांवों की करीब 400 एकड़ जमीन किसानों को डराकर बड़ी चालाकी से बिल्डरों को दे दी गई थी।
यादव के मुताबिक हरियाणा सरकार के अधिकारियों और बिल्डरों के बीच गठजोड़ रहा, जिसके चलते उन्होंने मानेसर, नौरंगपुर व नखड़ौला गांव के किसानों की करीब 400 एकड़ बेशकीमती जमीन को औने-पौने दामों पर खरीद लिया। अब हुड्डा और उनके अफसरों के लिए यही गलती और षड़यंत्र भारी पड़ रहा है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार उस समय इस करीब 400 एकड़ जमीन की कीमत 4 करोड़ रुपये प्रति एकड़ थी और इसकी मार्किट वेल्यू 1500 से 1600 करोड़ रुपये बनती थी। जबकि, इसे बिल्डरों ने किसानों से सिर्फ 100 करोड़ रुपये में ही खरीद लिया।