क्या हुड्डा के अधिकारियों को जवाब दाखिल करने के लिए पंचवर्षीय योजना की जरूरत है:जज समिति
हुड्डा को समिति कई बार अगली सुनवाई तक समय दे चुकी है.
28 जनवरी 2019
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नया हरियाणा
हरियाणा सरकार की ओर से प्लॉट आबंटियों के लिए कॉमन एरिया तय करने को गठित टीम सेवानिवृत्त जजों की समिति ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को फटकार लगाई है. हुड्डा अधिकारी एनहैंसमेंट की रीकैलकुलेशन को लेकर बीते कई महीनों से जजों की समिति के समक्ष जवाब प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं. यह देखते हुए अब जजों की समिति ने जवाब ना दाखिल करने पर कड़ा रुख अपनाते हुए हुड्डा को फटकार लगाई है. समिति ने हुड्डा के सेक्टरों में बिक्री के लिए मौजूद भूमि का चार्ट भी मुहैया कराने के लिए कहा था. लेकिन अधिकारियों ने वह भी जमा नहीं करवाया. क्या हुड्डा के अधिकारियों को जवाब दाखिल करने के लिए पंचवर्षीय योजना की जरूरत है.
जजों की समिति में शामिल जज राज राहुल गर्ग, प्रीतम पाल और बीबी प्रसून ने मुख्य तौर पर कहा है कि अगर हुड्डा ने 10 फरवरी, 2019 को भी जवाब नहीं दिया तो वह बिना उनका पक्ष सुने फैसला दे देंगे. हुड्डा को समिति कई बार अगली सुनवाई तक समय दे चुकी है. अब और समय नहीं दिया जाएगा. इस पर हुड्डा पंचकूला जोन के प्रशासक मुकेश आहूजा ने कहा कि प्राधिकरण अगली सुनवाई पर बिंदुवार जवाब दे देगा. उन्हें थोड़ा और समय दिया जाये. इस पर समिति ने 10 फरवरी को जवाब दाखिल करने की डेड लाइन तय कर दी है. जजों की सुनवाई के दौरान हुड्डा के जवाब दाखिल ना करने पर कहा कि इस तरह के की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हरियाणा स्टेट हुड्डा सेक्टर्स कंफेडरेशन की ओर से दर्ज कराई गई आपत्तियों पर जवाब देने के लिए हुड्डा अधिकारियों को क्या पंचवर्षीय योजना की जरूरत होती है. अंतिम तारीख पर अगर जवाब नहीं दिया गया, तो हुड्डा को X-पार्टी करार कर दिया जाएगा. प्राधिकरण आबंटियों से वैसे भी सरकारी जमीन की एन्हांसमेंट नहीं ले सकता.
कंफेडरेशन के संयोजक यशवीर मलिक ने बताया कि हुड्डा एन्हांसमेंट की री-कैलकुलेशन करना ही नहीं चाहता. री-कैलकुलेशन में लगाई गई शर्तों को लेकर हुड्डा के खिलाफ जींद, पंचकूला, बहादुरगढ़ व रोहतक की आरडब्ल्यूए हाईकोर्ट गईं थी. हाईकोर्ट के निर्णय अनुसार हुड्डा की योजनाओं का लाभ ले चुके आंबटियों की भी री-कैलकुलेशन होनी है. हाईकोर्ट ने हुड्डा की यह शर्त हटवा दी है कि रिबेट का लाभ ले चुके आबंटी कोर्ट नहीं जा सकते. मलिक ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले पर स्टे के लिए सुप्रीम कोर्ट गई हुई है. मामले की अगली सुनवाई 1 फरवरी को होनी है.