चुनावी परीक्षा शुरू हो गई है, सभी दिग्गज प्रत्याशी की साख दांव पर
इस उपचुनाव में मिलने वाली जीत या हार ही उनके राजनीतिक भविष्य का भी फैसला करने वाली है.
28 जनवरी 2019
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नया हरियाणा
विधानसभा सीट पर विधायक हरिचंद मिड्ढा के निधन के बाद हो रहे उपचुनाव में चार दिग्गजों और उनकी पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर है. दिग्गजों की किस्मत का फैसला आज के 1 लाख 70 हजार मतदाता के हाथों से होने जा रहा है. इसी साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के चलते इस उपचुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है. जींद उपचुनाव जीतने के लिए चुनाव प्रचार के दौरान सभी के प्रत्याशियों ने हर दांव खेला है. डॉ. कृष्ण मिड्ढा के लिए यह चुनाव भाजपा प्रत्याशी का चुनाव नहीं बल्कि पूरी पार्टी के लिए बहुत मायने रखता है. हाल ही में हुए नगर निगम चुनाव में भारी जीत दर्ज कराने के बाद भाजपा भारी उत्साह में दिखाई दे रही है. लेकिन यह उत्साह 31 तारीख को कितना बरकरार रहता है यह आज ईवीएम में दर्ज हो जाएगा. वहीं दिग्विजय चौटाला जो इनेलो से अलग पार्टी बनाने वाले हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला के भाई हैं, उनके लिए यह चुनाव करो या मरो की स्थिति में पहुंच गया है. इस उपचुनाव में मिलने वाली जीत या हार ही उनके राजनीतिक भविष्य का भी फैसला करने वाली है.
रणदीप सुरजेवाला राहुल गांधी के सिपहसालार की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं. उनकी इस चुनाव में जीत कांग्रेस की एकजुटता के लिए वरदान हो सकती है. तो वहीं इनेलो के लिए भी दुष्यंत परिवार के अलग हो जाने के बाद यह चुनाव उनकी प्रदेश में कितनी उपस्थिति बची है, यह दिखाने का काम करेगा. उनके परंपरागत वोटरों और विशेषकर जींद को अपना गढ़ कहने वाले ओम प्रकाश चौटाला परिवार के लिए उमेद रेढू का जीतना काफी महत्त्व रखता है.