जींद उपचुनाव में रिश्तेदारियों व दूसरे जुगाड़ों पर भारी पड़ेगा विकास का नारा
सभी राजनीतिक दल यह अनुमान लगाने में जुट जाएंगे कि भाजपा को ग्रुप-डी की भर्तियों से कितना लाभ होगा,
26 जनवरी 2019
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नया हरियाणा
जींद उपचुनाव में परिवारवाद, जातिगत समीकरण, रिश्तेदारों पर दबाव, रोड शो, कार्यकर्ताओं का काम, रैलियां, सभाएं और सम्मेलन आदि का आज आखिरी डीं है. आज प्रचार का आखिरी दिन है और शाम 5:00 बजे के बाद शोर-शराबा पूरी तरह से गायब हो जाएगा. सीधा 28 जनवरी को मतदान होना है और तब तक केवल डोर टू डोर जाकर ही मतदाताओं से अपील की जा सकेगी.
बंद कमरों में न जाने कितनी बैठकों का दौर चलेगा. जिसमें चुनाव, चुनावी नतीजों के आकलन व मतदाताओं के रुख पर चर्चाएं की जाएगी. सभी राजनीतिक दल यह अनुमान लगाने में जुट जाएंगे कि भाजपा को ग्रुप-डी की भर्तियों से कितना लाभ होगा, जेजेपी जिसका अभी 2 महीने पहले ही गठन हुआ है वह कितनी कामयाब होगी. दिग्विजय और दुष्यंत ने मतदाताओं को रिझाने के लिए जो मेहनत की है उसका क्या परिणाम होगा.
तो वही सुरजेवाला की माइक्रो मैनजमेंट कितनी कारगर साबित होती है जिसने जाट और गैर जाट के बीच में सामंजस्य बिठाने में अपना दमखम लगा दिया. इनेलो पार्टी में ओम प्रकाश चौटाला की फरलो को लेकर जो विवाद खड़ा हो गया था उसका कितना फायदा इनेलो व कितना नुकसान जेजेपी को होगा, यह देखना दिलचस्प रहने वाला है. इन सबके पीछे भाजपा के बागी सांसद सैणी कइयों का खेल बिगाड़ने की कोशिश करते नजर आये हैं.
आज से चुनावी गतिविधियाँ तो मैदान में थम जाएगी लेकिन अंदरखाने असली चुनावी जंग शुरू होगी.