किसानों के लिए कमाई का बढ़िया साधन बना स्नैक कुकुम्बर
पंजाब में जो इस खीरे की खेती कर रहे हैं उन्हें कुछ निजी कंपनियां बाजार में उपलब्ध करवा रही हैं.
23 जनवरी 2019
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नया हरियाणा
अब खीरे की खेती भी किसानों के लिए बढ़िया कमाई का साधन बन रही है. लेकिन यह खेती सामान्य खीरे की न होकर स्नैक कुकुम्बर वैरायटी की है. बहुत से किसान इस किस्म के खीरे की फसल से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. हरियाणा-पंजाब में कई किसानों ने खेती को शुरू किया है. विशेषज्ञों का दावा है कि यदि इसे वैज्ञानिक तरीकों से किया जाए तो किसान सामान्य खीरे की फसल से अपेक्षाकृत कई गुना कमाई कर सकते हैं. विशेषज्ञ डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि किसानों के लिए यह फायदे की खेती है. जिसमें मल्टीस्टार और किंग्सटन की खेती तो पहले से ही करते आ रहे हैं लेकिन अब स्नैक कुकुम्बर की शाइनफिट किस्म बहुत ही बढ़िया है. इसे खीरे की क्रेंची यानी कुरकुरी किस्म भी कहा जाता है.
शर्मा ने बताया कि इस खीरे की खेती पॉलीहाउस में की जाती है. साल में दो बार फरवरी-मार्च और अगस्त-सितंबर में इसकी फसल ली जा सकती है. एक एकड़ में 10000 पौधे लगते हैं जिसमें करीब 50 से 60 किलो उत्पादन होता है. इसका एक पौधा लगभग 5 से 6 किलो का उत्पादन करता है. जिसकी लंबाई लगभग 6 सेंटीमीटर तक होती है और इसका भार 40 से 50 ग्राम तक होता है. इसकी खासियत यह है कि यह बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक भी है.
पंजाब में जो इस खीरे की खेती कर रहे हैं उन्हें कुछ निजी कंपनियां बाजार में उपलब्ध करवा रही हैं. जिसके कारण किसान खीरे की इस किस्म की शानदार पैकिंग सप्लाई कर रहे हैं. खेती करने वाले किसान इंद्रजीत सिंह बताते हैं कि उन्होंने एक पॉलीहाउस सिर्फ इसी खीरे की खेती के लिए तैयार कर रखा है. खेती से उन्हें अच्छी-खासी आमदनी हो जाती है. किसान कई मॉल्स के साथ समझौता कर लेते हैं. जबकि खीरे की पैकिंग को बड़ी सब्जी मंडियों में भी अच्छा दाम मिल जाता है.