कैबिनेट मंत्री राव नरबीर की कथित फ़र्ज़ी डिग्री मामले अब अदालत में होगी सुनवाई। झूठे ऐफिडेविट देने और फ़र्ज़ी यूनिवर्सिटी के कागजात लगाने के मामले का आऱोप लगा था।18 जनवरी को RTI कार्यकर्ता हरिंदर ढींगरा ने अदालत में केस डाला था। राव नरबीर की डिग्री मामले में सुनवाई होगी। 11 फरवरी को कैबिनेट मंत्री राव नरबीर की डिग्री मामले में गुरुग्राम अदालत मेंं सुनवाई होगी। JMIC नवीन कुमार की अदालत में होगी सुनवाई। RTI कार्यकर्ता ने चुनावों में अलग-अलग डिग्री लगाने और अलग-अलग ऐफिडेविट देने के लगाए थे आरोप।
क्या था पूरा मामला
हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह पर फर्जी डिग्री और चुनाव आयोग को गलत शैक्षणिक ब्योरा देने के आरोप लगे हैं। यह आरोप गुड़गांव के आरटीआई कार्यकर्ता हरिंदर ढींगरा ने लगाए हैं। वहीं मंत्री ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है।
आरटीआई कार्यकर्ता हरिंदर ढीगरा ने प्रेसवार्ता कर बताया कि उन्होंने 2017 में मंत्री राव नरबीर की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी। उन्हें सूचना नहीं मिली और प्रथम अपील दाखिल करनी पड़ी। 1 दिसंबर 2018 को उन्हें राव नरबीर के शपथ पत्रों और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मिली। उन्होंने आरोप लगाया है कि राव नरबीर ने झूठे शैक्षणिक पत्र दाखिल किए इसलिए उन्होंने केंद्रीय चुनाव आयोग को उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
ढींगरा ने बताया कि राव नरवीर ने 2005, 2009 और 2014 में चुनाव लड़े और शपथ पत्र दाखिल किए। उन्होंने 2005 में शपथपत्र दाखिल किया कि 10वीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से की है। 2009 के चुनाव में शपथ पत्र दाखिल किया कि उन्होंने 10वीं बिरला विद्या मंदिर, नैनीताल से की है। उन्होंने 1986 में हिंदी साहित्य में हिंदी विश्वविद्यालय, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से ग्रेजुएशन करने की बात कही है।
ढींगरा ने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में राजस्थान प्रदेश बनाम सरदार शहर एवं अन्य की सुनवाई करते हुए कहा था कि हिंदी साहित्य सम्मेलन को विश्वविद्यालय या बोर्ड की मान्यता नहीं है। 1997 में राम भगत शर्मा बनाम हरियाणा राज्य के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने साफ किया था कि यह विश्वविद्यालय अमान्य है। इससे डिग्री लेकर सरकारी नौकरी लगे लोगों को हटाया जाए।
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री राव नरबीर ने कहा कि हरिंदर ढींगरा ने मेरे प्रमाण पत्रों को फर्जी बताने का जो आरोप लगाया है, वह निराधार है। मेरे सभी प्रमाण पत्र सही है। यह विरोधियों की राजनीतिक साजिश है। मैं जल्द ही ढींगरा के खिलाफ मानहानि का केस करूंगा।