जींद में जजपा व सैनी की पार्टी के कारण पार्टियों के समीकरण बदल सकते हैं।
21 जनवरी 2019
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नया हरियाणा
हरियाणा विधानसभा के सेमीफाइनल बन चुके जींद उपचुनाव में दो नए राजनीतिक दलों की मजबूत स्थिति से चुनावी रण रोचक हो चला है। या यूं कहा जाए कि दशकों से स्थापित भाजपा, कांग्रेस या इनेलो की चुनावी डगर को कठिन बना दिया है।
देवीलाल परिवार में हुई टूट के बाद चुनाव के वक्त से ऐन पहले गठित जननायक जनता पार्टी व भाजपा से नाराज चल रहे सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के मैदान में है। जिस कारण स्थिति यह है कि कोई भी पार्टी इस समय इस स्थिति में नहीं है कि वह जीत निश्चित मानकर चलें। इसी का नतीजा है कि सभी राजनीतिक दलों के पसीने छूटे हुए और सभी अपनी जीत के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। जींद उपचुनाव से कुछ माह पूर्व अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार एवं चौटाला परिवार से दिग्विजय चौटाला का चुनावी अभियान चला रहे हैं। उनका दावा है कि उन्हें युवाओं का काफी अच्छा खासा समर्थन हासिल है। वे पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। यही स्थिति सांसद राजकुमार सैनी की पार्टी के उम्मीदवार की है। पार्टी के पास भी विधानसभा का चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं। जींद जिले के नरवाना से राजनीति की शुरुआत करने वाले कांग्रेसी उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला का भी बड़ा कद है। और राहुल गांधी के करीबी बताए जा रहे हैं। साथ ही कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा, अशोक तंवर सहित सभी खेमों द्वारा उनके पक्ष में प्रचार किया जा रहा है।
दो बार विधायक रह चुके स्वर्गीय हरिचंद मिड्ढा के पुत्र भाजपा उम्मीदवार कृष्ण हुड्डा के समर्थन में पूरी सरकार चुनावी समर में उतर आई है। मुख्यमंत्री उनके समर्थन में प्रचार कर चुके हैं। वहीं कई मंत्री व भाजपा के नेता भी उनके लिए समर्थन जुटा रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों सहित साढे 4 साल के शासन में पारदर्शी नीतियों के सहारे अपनी चुनावी नैया पार होने का दावा कर रहे हैं।
इनेलो को हालांकि टूट के कारण वोटों के विभाजन का सामना जरूर करना पड़ेगा। उमेद रेढू निर्दलीय के तौर भी चुनाव लड़ने को तैयार थे। इनेलो के परंपरागत वोट बैंक के सहारे रेढू के माध्यम से अभय चौटाला चुनावी रण में उतरे हुए हैं।