जींद उपचुनाव में सोशल मीडिया पर पिछड़ रहे हैं दिग्विजय चौटाला
सभी दलों द्वारा सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है।
19 जनवरी 2019
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नया हरियाणा
राजनीति हो या सामाजिक कार्य. आज दोनों के लिए सोशल मीडिया बड़ा प्लेटफार्म बनकर उभरा है। सोशल मीडिया वर्तमान समय पार्टी और नेता दोनों की छवि निर्माण करने के साथ-साथ उसके विचार और विजन को रखने का सुलभ माध्यम है।
सोशल मीडिया पर भी हर पार्टी अपनी ताकत दिखाने को बेचैन है. जहां कृष्ण मिड्ढा के फेसबुक प्रोफाइल पर जींद के लोकल लोगों द्वारा उत्साह वर्धन किया जा रहा है वहीँ रणदीप सुरजेवाला को कांग्रेस के देश व्यापी आईटी सेल का समर्थन मिल रहा है. चुनावी रैलियों की कवरेज के साथ-साथ कांग्रेस के कई छोटे नेताओं के पेज से पल-पल की अपडेट और लाइव वीडियो चलाई जा रही हैं। बीजेपी ने जींद में सोशल मीडिया के लिए वार रूम खोला हुआ है। जिसके द्वारा लगातार पार्टी व उम्मीदवार का प्रचार किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर शुरूआती बढ़त बनाने के बाद दिग्विजय चौटाला अब पिछड़ते नज़र आ रहे हैं और उन्हें अब सोशल मीडिया पर अपनी लोकप्रियता दिखाने के लिए अपने सांसद भाई दुष्यंत चौटाला के फेसबुक पेज का सहारा लेना पड़ रहा है. जबकि जेजेपी की सोशल मीडिया टीम खुद के प्रचार से ज्यादा दूसरे दलों और नेताओं के कमजोर पहलुओं का ज्यादा प्रचार कर रही है। दिग्विजय के फेसबुक पेज पर अचानक 7 दिन से कोई अपडेट न देख कर कयासों का बाजार गर्म है कि शायद दिग्विजय चौटाला को अंदेशा हो गया है कि वो अब जींद की दौड़ में पिछड़ने लगे हैं और दौड़ में बने रहने के लिए उन्हें अब दुष्यंत के नाम का ही सहारा लेना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि दिग्विजय चौटाला के आधिकारिक पेज पर 12 जनवरी के बाद कोई पोस्ट नहीं है और वो अपनी पॉपुलैरिटी दिखाने के लिए अब अपना संवाद अपने दुष्यंत चौटाला के फेसबुक पेज से ही कर रहे हैं. इनेलो प्रत्याशी उमेद रेढू और विनोद आसरी सोशल मीडिया पर न के बराबर दस्तक दे पा रहे हैं। हालांकि इनेलो के कुछ पेज जरूर सक्रिय हैं परंतु उन्हें चुनाव के लिहाज से प्रर्याप्त नहीं माना जा सकता।