कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि जींद उपचुनाव एमएलए का नहीं इलाके की सरकार बनाने का है और मैं विधायक बनने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहा हूं, बल्कि क्षेत्र की पीड़ा दूर करने के लिए आपके बीच आया हूं। सुरजेवाला मंगलवार को झांज कलां व खुर्द, बडौदी, अहिरका, कैरखेड़ी, रुपगढ़ व जीतगढ़ आदि गांवों में चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे थे।
जनता से सीधा संवाद स्थापित करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि एमएलए तो पहले भी यहां से चुने गए हैं, लेकिन इलाके को एलएलए नहीं सरकार की जरूरत है, जो मैं आपकी ड्योडी पर लाकर दूंगा। वर्षों से उपेक्षित यहां के लोगों के अधिकारों को मेरे जीते जी कोई छीन नहीं सकता। सरकार बनाने के नाम पर पिछले काफी सालों सें यहां की जनता को बहकाया, मगर मिला कुछ नहीं।
लोकदल पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि भतीजा चाचे को काटने लगा है, चाचा भतीजे को काटने लगा है, दो पार्टी बन गई।जहां भी चुनाव हों, बस चौटाला परिवार का सदस्स ही बनेगा। उन्होंने कहा कि आखिर क्यों ? क्या हमें कोई भी समझ नहीं है। जहाँ भी चुनाव होगा, चौटाला परिवार ही क्यों चुनाव लड़ेगा । उन्होंने नई पार्टी बनाई, मगर जींद, नारनौंद, नरवाना, जुलाना, कैथल आदि आसपास से कोई उम्मीदवार क्यों नहीं मिला, अपने भाई को ही टिकट दे दी।
कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि यदि आपको लगे कि मैं जिले की माटी की पीड़ा को उजागर करता हूं तो, आप मुझे चुनिएगा। अगर मैं नौजवानों की मदद कर सकता हूं, आपके गांव की तस्वीर बदल सकता हूं, जींद की हालत सुधार सकता हूं, आपके बच्चों के भविष्य को अच्छा बनाने में मदद कर सकता हूं तो आप मुझे चुनिएगा। अगर आपको लगे कि कोई और मुझसे बेहतर काम कर सकता है तो मुझे कोई एतराज नहीं, आप उसको चुन लेंगे, तो मैं बुरा नहीं मानूंगा। ये अवश्य देखना आपका फायदा किसमें है। ना मेरा फायदा देखो, ना बीजेपी, ना लोकदल की पार्टियों का देखो, ना किसी और पार्टी का देखो। अगर आपको लगे कि हमारा फायदा रणदीप सबसे ज्यादा कर सकता है तो फिर रिकॉॅर्ड तोड़कर कांग्रेस पार्टी को विजय बनाएं ताकि तरक्की, विकास, रोजगार का एक नया रिकोर्ड अपने क्षेत्र में बना सकूं।
चुनावी सभाओं को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर, प्रमोद सहवाग, अंशुल सिंगला, सुधीर गौत्तम, महावीर कम्प्यूटर, रघुबीर भारद्वाज, बलजीत रेढू, प्रो. रमेश सैनी, सुरेश गोयत, सत्तु, वजीर ढांडा, अनिल जागलान, जयप्रकाश रेढू, नरेंद्र्र कटारिया, श्रीचंद जैन ने भी सम्बोधित किया।