हड़ताल के दौरान रखे कर्मियों की याचिका पर विभाग ने रोया घाटे का रोना
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान दिहाड़ी पर रखे गए कर्मियों को एडजस्ट करने में असमर्थता जताते हुए स्टेट ट्रांसपोर्ट ऑफिस में घाटे रोना रोया है.
15 जनवरी 2019
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नया हरियाणा
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान दिहाड़ी पर रखे गए कर्मियों को एडजस्ट करने में असमर्थता जताते हुए स्टेट ट्रांसपोर्ट ऑफिस में घाटे रोना रोया है. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कंट्रोलर ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि पहले कर्मियों की संख्या 4200 होती जिसे घटाकर 3800 कर दिया गया और अभी भी घाटा 9 करोड़ का है.
याचिकाकर्ता ने इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए इस हलफनामे पर याची को पक्ष रखने की अनुमति दिए जाने की अपील की है. याचिकाकर्ताओं ने हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान बसों में ड्राइवर और कंडक्टर के तौर पर दिहाड़ी आधार पर जिम्मेदारी संभाली थी. इनको हड़ताल खत्म होने के बाद निकाल दिया गया. हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए याचिकाकर्ताओं ने हड़ताल खत्म होने के साथ ही उनकी सेवाएं समाप्त किए जाने के आदेश को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं ने हरियाणा रोडवेज का साथ उस समय दिया था जब उनके कर्मी हड़ताल पर गए थे. उस दौरान वे प्राइवेट नौकरी कर रहे थे जिसे छोड़कर उन्होंने रोडवेज में सेवाएं दी. इस दौरान उन्हें आश्वस्त किया गया था की भर्ती में उन्हें एडजस्ट किया जाएगा. हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में हरियाणा सरकार से पूछा था कि इन कर्मचारियों की जरूरत है या नहीं. स्टेट ट्रांसपोर्ट सेक्टर के ऑफिस की ओर से इन कर्मचारियों की जरूरत होने से इंकार कर दिया गया है. वही याची ने कहा कि अभी पद लंबित हैं और इस हलफनामेका वे जवाबी हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं. हाईकोर्ट में अभी तक ड्राइवरों को लेकर ही सुनवाई हो रही है. ऐसे में हेल्पर की याचिका भी पहुंच गई है. हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से हेल्परों के खाली पदों का ब्योरा तलब कर लिया है.