जानिए जींद उपचुनाव में इनेलो कैसे बनेगी गेम चेंजर, जेजेपी के लिए बनेगी खतरा
जींद उपचुनाव में इनेलो गेम चेंजर साबित हो सकती है।
9 जनवरी 2019
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नया हरियाणा
28 जनवरी को जींद में होने वाले उपचुनाव को लेकर इनेलो नामांकन के आखिरी दिन अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान करेगी। यह घोषणा बुधवार को इनेलो नेता अभय चौटाला ने जींद से की। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी कृष्ण मिड्ढा की छवि अपने पिता जैसी नहीं है।
अभय चौटाला ने कहा कि इनेलो सुबह 10.30 बजे अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करेगी। उनका प्रत्याशी जींद का उपचुनाव जरूर जीतेगा। हम ऐसा उम्मीदवार देंगे जो अपने साथ 25 हजार वोट जेब में लेकर आएगा। हम प्रत्याशी ढूंढ़कर नहीं लाएंगे। हमारी पार्टी का ही प्रत्याशी होगा।
उन्होंने कहा कि इनेलो के पूर्व विधायक डॉ. हरिचंद मिड्ढा की जो छवि थी वह उनके बेटे कृष्ण मिड्ढा की नहीं है। कृष्ण मिड्ढा ने जिस दिन इनेलो को छोड़ा जनता ने उसी दिन उनका साथ छोड़ दिया था। भाजपा द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले स्वर्णों को आरक्षण देने की बात पर अभय ने कहा कि यह सिर्फ चुनावी जुमला है।
इनेलो रामपाल माजरा के बेटे अमन माजरा पर दांव लगा सकती है। क्योंकि जींद की दो बड़ी खाप हैं- कंडेला खाप और माजरा खाप। जींद उपचुनाव में अगर खापों के नजरिए से चुनाव का विश्लेषण किया जाए तो दो बड़ी खापे हैं कंडेला खाप और माजरा खाप। कंडेला खाप में कभी 28 गांव होते थे लेकिन लगभग 3 साल पहले कंडेला खाप से माजरा के 14 गांव अलग हो गए थे और इन 14 गांव ने अपनी अलग माजरा खास बना ली थी। अब दोनों खापों में 14-14 गांव हैं। 16 जुलाई 2016 को कंडेला खाप से अलग होकर 14 गांव की माजरा खाप का गठन किया गया था। तभी से महेंद्र रढाल माजरा गांव के प्रधान हैं। ऐसे में खाप के नजरियों से देखें तो जेपी के बेटे विकास सहारण और जेजेपी के दिग्विजय चौटाला की तुलना में माजरा खाप के रामपाल माजरा के बेटे का पलड़ा अपने आप भारी हो जाएगा। जिस इनेलो को कमजोर माना जा रहा है, वह अगर ये दांव खेलेगी तो कांग्रेस व जेजेपी से दो कदम आगे बढ़त बनाकर चलेगी। इनेलो इनके अलावा सुरेंद्र बरवाला पर भी दांव लगा सकती है। ऐसे में जिस इनेलो के हलके में लिया जा रहा है, वहीं कहीं जींद उपचुनाव की गेम चेंजर न साबित हो जाए। सभी के गुणागणित धरे ना रह जाएं।