हरियाणा के लोगों को स्वास्थ सेवाएं देने का संकल्प लेकर ड्यूटी ज्वाइन करने वाले 200 से अधिक डॉ अभी तक लापता हैं. विभाग ने अभी तक उन्हें बर्खास्त नहीं किया है. जब तक के बर्खास्त नहीं होंगे तब तक नई नियुक्तियां भी नहीं हो सकेंगी. इन लापता डॉक्टर्स में 70 से ज्यादा ऐसे भी हैं, जिन्होंने प्रोबेशन पीरियड पूरा करने तक भी जहमत नहीं उठाई. सरकार का दावा है कि अब इन डॉक्टर्स को हटाया जाएगा. विभाग की ओर से इस संबंध में उन्हें नोटिस जारी करते हुए समाचार पत्र में नोटिस देने की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. इनमें अधिकतर बिना किसी सूचना के गैर हाजिर चल रहे हैं.
बताया जा रहा है कि कुछ तो बेहतर विकल्प के लिए विदेश रवाना हो चुके हैं. हालांकि इससे पहले उन्हें विभाग को सूचना देना और एनओसी लेना जरूरी था. उसके बाद भी डॉक्टर ने विभाग की कागजी प्रक्रिया को पूरा करना उचित नहीं समझा. ऐसे चिकित्सक कई तरह के विकल्प खुले रखना चाहते हैं. यदि दूसरे विकल्प पर बात नहीं बनती तो वह आकर ज्वाइन कर लेते हैं. अब सरकार पहले चरण में इन डॉक्टर्स को बाहर का रास्ता दिखाने जा रही है. जो प्रोबेशन पीरियड को पूरा नहीं कर सके विदेश चले गए हैं. एक श्रेणी इस तरह की भी है जो आज चल रहे हैं. ऐसे डॉक्टरों से भी संपर्क कर स्थिति साफ करने के लिए कहा है ताकि कागजी कार्रवाई और फाइलों को भेजने में समय की बर्बादी ना हो.
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि एमबीबीएस करने वालों को 1 साल के लिए अनिवार्य तौर पर अपनी सेवाएं प्रदेश के लोगों को देनी होगी. ड्यूटी से चले जाने वाले डॉक्टर के मामले को भी जांच पड़ताल करने के लिए कहा गया है. ज्वाइन कर बिना सूचना के चले जाने के मामले में भी नियम कानून के हिसाब से प्रक्रिया तो पूरी करनी ही पड़ती है.
कहां से गायब कितने डॉक्टर्स
जिलेवार आंकड़ों पर गौर करें तो 2010 से लेकर साल दर साल डॉक्टर्स ने ज्वाइन किया. लेकिन डयूटी से गैर हाजिर भी होते रहे। अंबाला से 18, भिवानी से 12, फतेहाबाद से 14, फरीदाबाद से 2, गुरुग्राम से 6, हिसार से 9, जींद से 5, झज्जर से 16, कैथल से 6, कुरुक्षेत्र से 7, पंचकूला से 5, नारनौल से 15, पलवल से 10, रोहतक से 3, रेवाड़ी से 8, सिरसा से 8, सोनीपत से 8, यमुनानगर से 8, मेवात से 6 डॉक्टर्स डयूटी पर नहीं लौटे.