हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र की अवधि को लेकर विपक्ष करेगा विरोध
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का मुख्य एजेंडा महत्वपूर्ण बिल को पारित करना है.
27 दिसंबर 2018
Share
745
नया हरियाणा
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र की अवधि को लेकर विपक्ष विरोध करने की योजना बना रहा है. जहां सरकार इस सत्र को कम-से-कम अवधि में निपटाना चाहती है. वहीं विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी करने को तैयार है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि जब कोई आदमी मकान खाली करता है तो वह भागता है यही हाल भाजपा सरकार का है. सरकार भागने की तैयारी में है. सरकार के पास गिनाने को कोई उपलब्धि नहीं है इसीलिए सरकार लंबे विधानसभा सत्र से बच रही है. कांग्रेस पार्टी प्रदेश की जनता से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए तैयार है. लेकिन सरकार जानबूझकर इस सत्र को एक ही दिन में निपटाने की कोशिशों में लगी हुई है. तो वहीं इनेलो के नेता अभय चौटाला का कहना है कि सरकार इस विधानसभा सत्र को एक ही दिन में खत्म करना चाहती है. इससे यह तो साबित हो गया है कि सरकार मुद्दों से भाग रही है. सरकार नहीं चाहती कि जनता से जुड़े मुद्दों पर विधानसभा में कोई चर्चा हो. इसीलिए सरकार सत्र को एक ही दिन चलाने के पक्ष में है. लेकिन बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में सरकार के इस रवैया का विरोध किया जाएगा.
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का मुख्य एजेंडा महत्वपूर्ण बिल को पारित करना है. इसमें सबसे अहम बिल डीजीपी की नियुक्ति संबंधी रहेगा. जिसके अंतर्गत पुलिस एक्ट में संशोधन कर प्रदेश स्तर पर ही एक आयोग गठित किया जाएगा, जो डीजीपी का चयन करेंगे. डीजीपी के चयन के लिए सरकार को अब यूपीएससी को आईपीएस के पैनल भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सरकार अपने स्तर पर ही इसका चयन कर सकेगी. इसके अलावा एक बिल किसी यूनिवर्सिटी का नाम प्रख्यात लोक कलाकार पंडित लख्मीचंद के नाम पर रखने और एक बिल रेरा से संबंधित लाया जाएगा. इसके अलावा पुराने मानसून सत्र के चार प्रश्नों पर भी चर्चा की जाएगी. मगर इस शीतकालीन सत्र में कोई भी विधायक सदन में अपने हलकों से जुड़े प्रश्न नहीं पूछ पाएंगे. क्योंकि इस बार किसी भी विधायक से किसी भी प्रश्न की मांग की नहीं की गई है. यह सत्र इमरजेंसी रूम से शॉर्ट नोटिस पर बुलाया गया है. जिसे सरकार कम-से-कम अवधि में निपटाना चाह रही है.