फर्जी डिग्री मामले में राव नरबीर सिंह पर गिर सकती है गाज
मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी अपनी साख बचाने के लिए कड़ा रूख अपना सकते हैं।
15 दिसंबर 2018
Share
4072
नया हरियाणा
सूत्रों के हवाले से खबर है कि नगर निगम चुनाव के बाद भाजपा हाईकमान फर्जी डिग्री मामले में मंंत्री नरबीर सिंह के खिलाफ एक्शन लेते हुए कड़ा फैसला ले सकता है। दूसरी तरफ ये भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी अपनी साख बचाने के लिए कड़ा रूख अपना सकते हैं। हो सकता है जल्दी ही नरबीर पर गाज गिर जाए।
हरियाणा सरकार में पीडब्ल्यूडी और वन मंत्री राव नरबीर सिंह के उपर फर्जी डिग्री रखऩे और चुनाव आयोग में गलत जानकारी देने के आऱोप लगे है. ये आरोप गुरुग्राम के हरिंद्र ढिंगड़ा आरटीआई कार्यकर्ता ने लगाये हैं. प्रेस वार्ता के दौरान RTI एक्टिविस्ट को गिरफ्तार करने के लिए गुरुग्राम पुलिस भी पहुंच गई थी लेकिन मीडिया की मौजूदगी देखकर बाहर इंतजार करते रहे।
गुरुग्राम आरटीआई कार्यकर्ता ने ये आरोप लगाये हैं कि कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने दो बार दसवीं क्लास एक ही साल में पास की हुई है और ग्रेजवेशन भी दो बार की हुई है. यही नहीं चुनाव लड़ने के दौरान मंत्री जी ने जो डाक्यूमेंटस जमा कराये हैं और जानकारी दी हैं. उसमें भी तीन चुनावों में शिक्षा से संबंधी जानकारी गलत दी हुई है.
कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने 2005 में जाटूसाना विधानसभा रेवाडी से अपना पर्चा दाखिल किया था तो चुनाव आयोग को जानकारी दी थी कि उन्होंने 1976 में मैट्रिक माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से की है. वही 1986 में ग्रेजवेशन हिंदी विश्व विद्यालय, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से की है. इसके बाद राव नरबीर सिंह ने लोकसभा चुनाव 2009 में गुरुग्राम लोकसभा से प्रत्याशी के रुप में अपना पर्चा दाखिल किया तो जानकारी दी कि मैट्रिक 1976 में बिरला विद्या मंदिर नैनीताल से की हुई है. और ग्रेजवेशन हिंदी विश्वविद्यालय इलाहाबाद उत्तप्रदेश से की हुई है. वही 2014 के विधानसभा चुनावों में बादशाहपुर से चुनाव बीजेपी की टिकेट पर लडा और इस दौरान जो जानकारी चुनाव आयोग को दी गई उसमें ये कहा गया कि उन्होंने अपनी ग्रेजवेशन 1987 में हिंदी विश्वविद्यालय इलाहाबाद से की है.
वही आरटीआई कार्यकर्ता ने ये भी आरोप लगाया है कि जिस भी यूनिवर्सिटी औऱ स्कूल से राव नरबीर सिंह ने मैट्रीक और ग्रेजवेशन की है वो यूजीसी से मान्य नहीं है. आरटीआई में ये भी खुलासा हुआ है कि जिस जगह से ये डिग्री औऱ मैट्रिक के डाक्यूमेंटस बने हुए हैं वो बिलकुल फर्जी हैं. .इसके अलावा एक बात ये भी कही गई है कि एक व्यक्ति दो बार मैट्रिक और दो बार ग्रेजवेशन कैसे कर सकता है. वही 2005 रेवाडी की जाटूसाना विधानसभआ के चुनावों के दौरान जो जानकारी दी थी उसमें ये कहा था कि 1986 में ग्रेजेशन की है और 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान जो जानकारी दी उसमें ये कहा कि उन्होंने ग्रेजवेशन 1987 में पूरी की है. जबकि इस बात से साबित होता है कि राव नरबीर सिंह ने 2 बार ग्रेजवेशन की औऱ ये ग्रेजवेशन एक साल के अंतराल में की गई है. यानि 1986 में भी ग्रेजवेशन की औऱ 1987 में भी राव नरबीर सिंह ने ग्रेजवेशन की है.
आरटीआई कार्यकर्ता ने इस आधार पर ये आऱोप लगाया है कि ये पूरी तरह से फर्जीवाडा है....इस लिए सरकार को इस पर कार्रवाई करते हुए कैबिनेट मंत्री को तुरंत प्रभाव से उनके पद से बरखास्त किया जाना चाहिए. इस तरह के मामलों में पहले भी कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है. वही इसके पीछे क्या मंशा थी इस बारे में आरटीआई कार्यकर्ता कुछ नहीं कह रहे हैं. लेकिन उनका ये भी कहना है कि अपने आपकों पढ़ा लिखा दिखाने के लिए शायद मंत्री जी ने ये कदम उठाया है. फर्जी तरीके से चुनाव आयोग को गुमराह किया है. इस बारे में ढिंगड़ा की तरफ से चुनाव आयोग को शिकायत भेजी गई है..हैरानी की बात यह है कि इस प्रेस वार्ता की भनक गुरुग्राम पुलिस को भी लग गई थी जिसके बाद गुरुग्राम पुलिस RTI एक्टिविस्ट को गिरफ्तार करने पहुच गई लेकिन मीडिया की मौजूदगी देख बाहर इंतजार करने लगी? ऐसे में कही यह तो नहीं जाहिर होता कि मंत्री जी अपना सच छुपाने के लिए RTI एक्टिविस्ट पर पुलिसिया बल इस्तेमाल करवा रहे हो।