रोहतक नगर निगम चुनाव : किसका रहेगा रोहतक पर कब्जा कांग्रेस या बीजेपी का
रोहतक और करनाल दोनों सीटों पर पूरे हरियाणा की नजरें टिकी हुई हैं।
14 दिसंबर 2018
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नया हरियाणा
रोहतक पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है। जिसे भाजपा अब खुद का अपना दुर्ग मानती है। वह इसीलिए क्योंकि रोहतक पर लंबे समय तक हरियाणा में भाजपा के सबसे बड़े नेता रहे डॉ. मंगलसेन का कब्जा रहा है। भाजपा ने यहां से पूर्व मंत्री सेठ श्री किशनदास के बेटे मनमोहन गोयल को चुनावी मैदान में उतारा है। रोहतक से विधायक व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर रोहतक सीट को बचाकर भाजपा की साख को बरकरार रखने में जुटे हुए हैं। दूसरी तरफ भूपेंद्र हुड्डा के समर्थन से नगर सुधार मंडल के पूर्व चेयरमैन सीताराम सचदेवा चुनाव लड़ रहे हैं। यहां मुकाबला रोचक इसलिए भी बना हुआ है वह रोहतक से सचदेवा को जीता कर भाजपा के हाथों से यह सीट वापस लेना चाहते हैं।
ऐसे में निगम चुनाव में सबसे बड़ी परीक्षा इनेलो की है। इनेलो-बसपा गठबंधन ने चार निगमों में मेयर पद पर सिंबल पर उम्मीदवार उतारे हैं। परिवार और पार्टी में हुए बिखराव के चलते इनेलो का यह पहला चुनाव है। यदि इनेलो कामयाब रहती है तो गठबंधन की हवा बनेगी अन्यथा अगर चुनाव में शिकस्त हाथ लगती है तो कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा। इनेलो के संचित नांदल और लोकतंत्र सुरक्षा मंच के अरविंद जोगी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। कम्युनिस्ट पार्टी की जगमती सागवान भी अपनी किस्मत इन चुनावों में आजमा रही हैं। नव गठित जननायक जनता दल (जेजेपी) के हिसार सांसद दुष्यंत चौटाला ने फिलहाल निगम चुनाव से अपनी दूरी बनाई हुई है ।