महम हरियाणा के रोहतक जिले में एक ऐतिहासिक शहर है। महम का विधानसभा क्षेत्र रोहतक संसदीय क्षेत्र से संबंधित है। 2005 से कांग्रेस ने इस विधानसभा सीट पर कब्जा जमाए हुए है। कांग्रेस के आनंद सिंह इस निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा विधायक हैं। 2014 के चुनाव में बीजेपी के शमशेर सिंह आनंद सिंह दांगी से 9657 वोटों से हारे थे. संभावना है कि 2019 के चुनाव में इनेलो की टिकट पर खापों से जुड़े तुलसी ग्रेवाल लड़ सकते हैं। इनेलो से निकली जननायक जनता पार्टी की तरफ से किसे टिकट मिलेगी, यह देखना भी दिलचस्प होगा। 2019 का महम चुनाव काफी रोचक होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
दिलचस्प है कि महम कांड की वजह से सुर्खियों में आए आनंद सिंह दांगी ताऊ देवीलाल की राजनीतिक पाठशाला से ही निकले हैं। अब उन्हीं के समक्ष ताऊ का रिकॉर्ड तोड़ने की चुनौती है। देवीलाल यहां से लगातार तीन बार विधायक बने। 1987 में इसी हलके से जीतकर देवीलाल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने। दांगी भी तीन बार विधायक बन चुके हैं लेकिन लगातार नहीं। 2005 व 2009 में विधायक बने दांगी के सामने हैट्रिक लगाने की चुनौती है। 1991 में कांग्रेस के आनंद सिंह दांगी जीते, लेकिन 1996 व 2000 के चुनाव में इनेलो के बलबीर सिंह उर्फ बाली पहलवान से हारे। 2005 में दांगी फिर जीते। 2009 में दांगी का मुकाबला महम चौबीसी के पंचायती उम्मीदवार शमशेर खरकड़ा से हुआ। खरकड़ा ने दांगी को पसीने तो छुड़ाए लेकिन हरा नहीं सके। खरकड़ा 1980 में देवीलाल के लोकदल की युवा इकाई से जुड़े। 1982 में युवा इकाई के अध्यक्ष बने।
Year |
A.C No. |
Assembly Constituency Name |
Type |
Winner |
Gender |
Party |
Votes |
Runner Up |
Gender |
Party |
Votes |
2014 |
60 |
Meham |
GEN |
Anand Singh Dangi |
M |
INC |
50728 |
Shamsher Singh Kharkara |
M |
BJP |
41071 |
2009 |
60 |
Meham |
GEN |
Anand Singh Dangi |
M |
INC |
43964 |
Shamsher |
M |
IND |
36998 |
2005 |
31 |
Meham |
GEN |
Anand Singh Dangi |
M |
INC |
51078 |
Rajbir |
M |
INLD |
28001 |
2000 |
31 |
Meham |
GEN |
Balbir |
M |
INLD |
38167 |
Anand Singh |
M |
INC |
33821 |
1996 |
31 |
Meham |
GEN |
Balbir |
M |
SAP |
24210 |
Anand Singh |
M |
INC |
23953 |
1991 |
31 |
Meham |
GEN |
Anand Singh |
M |
INC |
43608 |
Sube Singh |
M |
JP |
17259 |
1987 |
31 |
Meham |
GEN |
Devi Lal |
M |
LKD |
45576 |
Sarup Singh |
M |
INC |
19595 |
1985 |
By Polls |
Meham |
GEN |
Devi Lal |
M |
LKD |
38598 |
R.Singh |
M |
INC |
27229 |
1982 |
31 |
Meham |
GEN |
Devi Lal |
M |
LKD |
36324 |
Har Sarup |
M |
INC |
19649 |
1977 |
31 |
Meham |
GEN |
Har Sarup |
M |
JNP |
21509 |
Wazir Singh |
M |
IND |
7524 |
1972 |
31 |
Meham |
GEN |
Umed |
M |
IND |
19654 |
Raj Singh |
M |
INC |
19042 |
1968 |
31 |
Meham |
GEN |
Raj Singh |
M |
INC |
16479 |
Maha Singh |
M |
IND |
16253 |
1967 |
31 |
Meham |
GEN |
M. Singh |
M |
IND |
18875 |
B. Prasad |
M |
INC |
13361 |
ओमप्रकाश चौटाला की थी जिद महम सीट
लगातार तीन बार देवीलाल के जीतने से यह सीट लोक दल का गढ़ बन गई थी तो चौटाला के लिए यह एक सेफ सीट समझी गई थी। देवीलाल के चलते में महम से कांग्रेस का सफाया हो गया था। 1966 में इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से कांग्रेस यहा दो बार जीत पाई थी। यहां के हालात नहीं सुधरे तो चौटाला के लिए एक दूसरी सीट दरबान कला खाली कराई गई, लेकिन चौटाला महम से लडऩे पर पड़े हुए थे फिर लोकदल से बागी होकर अमीर सिंह ने यहां से निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर पर्चा भर दिया यह भी कहा गया कि अमीर सिंह को चौटाला ने नहीं खड़ा किया था।
कांग्रेस ने आनंद सिंह दांगी को अपना कैंडिडेट बनाकर उपचुनाव में उतारा। उपचुनाव के दौरान हुए खूनी खेल में लोकदल की छवि को काफी नुकसान हुआ था। नतीजतन दांगी जीत गए इतिहास में यह पहली बार हुआ था कि यहां से लोकदल का कैंडिडेट नहीं जीता था, चौटाला फिर कभी हम यहां से नहीं लड़े।
आठ मतदान केंद्रों के किए चुनाव रद्द
फलस्वरूप चुनाव आयोग ने धांधली की शिकायतों के मद्देनजर आठ मतदान केंद्रों (बूथों) का चुनाव रद्द कर नए सिरे से 28 फरवरी 1990 को पुनर्मतदान कराने का एलान कर दिया। जिन बूथों पर फिर से मतदान कराने का फैसला किया था, वे बूथ गांव बैंसी, चांदी, महम, भैणी महाराजपुर और खरैंटी थे। इस मामले में पुलिस ने दिनांक 01/03/90 को एक एफआईआर नं. 76/90 दर्ज की थी।
दांगी का दावा-महम बना मॉडल हलका
10 साल के कार्यकाल में महम हलके को प्रदेश के अंदर मॉडल हलके के तौर पर खड़ा किया। महम में पॉलीटेक्निक, लाखनमाजरा व मोखरा में गर्ल्स कॉलेज, कस्बे में मॉडल स्कूल, महम-हांसी रेलवे लाइन, मदीना व फरमाणा में आईटीआई व लघु सचिवालय अहम उपलब्धि रहीं। साढ़े 4 हजार युवाओं को रोजगार दिया। हवाई अड्डा व सेक्टर न बनवाने की कसर जरूर रह गई, जिसे अगले कार्यकाल में पूरा करेंगे।
1968 व 1996 में क्लोज फाइट
महम हलके के चुनाव में सबसे ज्यादा नजदीकी मुकाबला 1968 में रहा। जब कांग्रेस प्रत्याशी राजसिंह दलाल निर्दलीय प्रत्याशी महासिंह से मात्र 226 वोटों से जीत सके। इसके 28 साल बाद 1996 में कांग्रेस के आनंद सिंह दांगी व इनेलो के बलबीर सिंह के बीच रोचक मुकाबला हुआ। बलबीर सिंह 257 वोटों से जीते।
जब दो बार टला उप चुनाव
1990 में ताऊ देवीलाल ने उप प्रधानमंत्री बनने के बाद महम हलके से इस्तीफा दे दिया। फरवरी 1990 में हलके का उप चुनाव कराया गया, लेकिन चुनावी हिंसा के चलते चुनाव रद्द कर दिया गया। तीन माह बाद दोबारा उप चुनाव की तिथि तय हुई। इस बार निर्दलीय प्रत्याशी अमीर सिंह की मौत के चलते चुनाव टल गया।
ताऊ ने दांगी को बनाया चेयरमैन
आनंद सिंह दांगी 1991 के चुनाव से पहले ताऊ देवीलाल के साथ जुड़े रहे। 1987 की देवीलाल सरकार के कार्यकाल में उन्हें हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का चेयरमैन बनाया गया। बाद में उनके देवीलाल परिवार से रिश्ते टूट गए।