14,15, 16 दिसम्बर को हरिद्वार में पहली बार हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन होने जा रहा है. अपने किस्म का यह अनूठा साहित्य महाकुम्भ इस बार शहर में आयोजित होने जा रहा है. गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय और अन्त: प्रवाह सोसायटी संयुक्त रूप से हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन करने जा रहें है. हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल में देश के जाने माने साहित्यकार,रंगकर्मी और विभिन्न कला माध्यमों से जुड़े कलाकार शामिल होंगे.
दीप्ति नवल होंगी मुख्य आकर्षण का केंद्र
14 दिसम्बर को हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन सत्र होगा. हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल में समानांतर सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री और कवयित्री दीप्ति नवल भी शामिल होंगी उनके साथ एक संवाद सत्र आयोजित किया जाएगा. इस सत्र में दीप्ति नवल की प्रमुख फिल्मों से जुड़ी विडियो क्लिपिंग्स भी दिखायी जाएँगी. उल्लेखनीय है कि दीप्ति नवल सिनेमा के अतिरिक्त कविता और चित्रकारी में गहरी दिलचस्पी रखती हैं. दीप्ति नवल से बातचीत के सत्र में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के विभिन्न आयामों टॉक सेशन के माध्यम से सबको जानने का अवसर मिलेगा.
तीन दिन तक चलनें वाले इस लिटरेचर फेस्टिवल में देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिभागी हिस्सा लेंगे. विभिन्न सेशन के माध्यम से आर्ट और लिटरेचर के विषयों पर विमर्श किया जाएगा. हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल में नेपाल और भूटान से भी कवि,लेखक और प्रतिभागी हिस्सा लेंगे.

जर्मनी की ख्यात लेखिका मारिया रिथ और उपन्यासकार मोना वर्मा इंडियन माइथोलॉजी पर एक विशेष सत्र में बातचीत करेंगी. इस लिटरेचर फेस्टिवल में पहली बार अंग्रेजी और हिन्दी दोनों भाषाओं से जुड़े रचनाधर्मी और कलाप्रेमी विभिन्न संवाद सत्रों के के माध्यम से अपनी बात रखेंगे.
हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल में अलग-अलग सत्रों के जरिए आर्ट,सिनेमा, थिएटर, और लिटरेचर से जुड़े विद्वानों से बातचीत सुनने का अवसर शहर के लोगों को मिलेगा. देश भर में अभी लिटरेचर फेस्टिवल प्राय: अकादमिक दुनिया से बाहर आयोजित होते रहें है. हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल के डायरेक्टर प्रो. श्रवण कुमार शर्मा ने बताया है कि इस लिटरेचर फेस्टिवल के जरिए उनका प्रयास है कि अकादमिक दुनिया को प्रत्यक्ष रूप से ऐसे जीवंत आयोजनों से जोड़ा जाए ताकि संवाद और सृजन का एक बेहतर सेतु निर्मित हो सके.
हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल का विशेष आकर्षण रहेगा लाइव पेंटिंग शो
कला और साहित्य के विभिन्न माध्यमों को एक सार्थक मंच देने के लिए शहर में पहली बार हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन होने जा रहा है. हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल में उद्घाटन सत्र में एक विशेष लाइव पेंटिंग शो का प्रदर्शन किया जाएगा. डॉ. भारती के निर्देशन में इस लाइव पेंटिंग शो का आयोजन किया जाएगा. जिसमें पच्चीस प्रतिभागी शामिल होंगे.
यह आर्ट की एक दुर्लभ फॉर्म है जिसमें मंच पर लाइट और प्रतिभागियों की सहायता से सजीव पेंटिंग के प्रभाव मंच पर प्रदर्शित होते हैं. भारत की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए चित्रकला की चार अनूठी शैलियों अपभ्रंश शैली, किशनगढ़ शैली,मुगल अदाकारा शैली और कम्पनी शैली को एक समूह प्रस्तुति के माध्यम से दिखाया जाएगा. उल्लेखनीय है चित्रकाल इन सभी चार शैलियों की पेंटिंग्स को नेपथ्य में प्रदर्शित करते हुए मंच पर उनकी लाइव नाट्य प्रस्तुति भी होंगी. यह लाइव पेंटिंग शो कला के अनूठे प्रयोग और कला-अभिनय के माध्यम से दर्शकों को रोमांचित करने वाला होगा.
डॉ. भारती ने बताया कि इस कला समूह के एक सदस्य द्वारा हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल में उपस्थित कवियित्री,कथाकार और प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री दीप्ति नवल का एक लाइव स्केच भी बनाया जाएगा.
हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल में संवाद सत्रों के अलावा परफोर्मिंग आर्ट्स को भी शामिल किया गया है. कविता,कथा,गज़ल.थियेटर आदि पर संवाद सत्रों के साथ-साथ इसने जुड़ी प्रस्तुतियों भी लिटरेचर फेस्टिवल में दिखायी देंगी.
हरिद्वार शहर में यह अपने किस्म अनूठा आयोजन पहल गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय और अन्त: प्रवाह सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है. जिसमें अकादमिक दुनिया के बौद्धिकजन और कला के विभिन्न माध्यमों से जुड़े विभिन्न कलाकार अपनी प्रतिभा और उत्सवधर्मिता से प्रतिभागी दर्शकों के लिए कला का जीवंत आयोजन करेंगे.
हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल के डायरेक्टर प्रो. श्रवण कुमार शर्मा ने बताया कि हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल के माध्यम में आर्ट और लिटरेचर के समन्वय से रचनात्मक प्रवृत्तियों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि सृजन के विभिन्न स्रोत सतत जीवंत और ऊर्जावान बने रह सकें.