पंचकुला विधानसभा से आज तक रहे विधायकों की सूची
5 दिसंबर 2018
Share
1346
नया हरियाणा
यह हरियाणा की उन विधानसभा सीटों में से है जिनका इतिहास बहुत छोटा है। पंचकूला से 2008 के परिसीमन से स्वरूप में आई थी और इस पर अब तक 2009 और 2014 के ही विधानसभा चुनाव हुए हैं। मुख्य रूप से पंचकूला के शहरी क्षेत्रों वाली इस सीट में आसपास के 35 गांव भी हैं। 2009 में इस सीट से कांग्रेस के देवेंद्र कुमार बंसल चुनाव जीते थे जिन्होंने इनेलो की टिकट पर लड़ रहे पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को हराया था। योगराज सिंह मशहूर क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता हैं और पंजाबी फिल्मों में भी काम करते रहे हैं। उस चुनाव में भाजपा के ज्ञानचंद गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे थे। जो 2014 में बड़े अंतर से जीत हासिल कर विधायक बने। 2009 में हजका के शशि शर्मा ने भी यहां अच्छे वोट लिए थे।
पंचकुला विधानसभा से आज तक रहे विधायकों(MLA) की सूची:
Year
Winner
Party
Votes
Runner-UP
Party
Votes
2009
Devender Kumar Bansal
INC
29192
Yograj Singh
INLD
16932
2014
Gian Chand Gupta
BJP
69916
Kul Bhushan Goyal
INLD
25314
पंजाब के डेराबस्सी में जन्मे ज्ञानचंद गुप्ता का राजनीतिक जीवन चंडीगढ़ में ज्यादा बीता है। वे चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर रह चुके हैं और चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष भी। हरियाणा भाजपा में सक्रिय होने के बाद उन्होंने प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष और उपाध्यक्ष का काम भी संभाला है। नई विधानसभा सीट बनते ही ज्ञानचंद गुप्ता ने 2009 में पंचकूला से भाजपा की टिकट हासिल कर ली और 19 फ़ीसदी वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे। मूल रूप से बिजनेसमैन गुप्ता ने शहर में अपनी सक्रियता और पार्टी में अपनी पकड़ बरकरार रखी और 2014 में भी आसानी से टिकट ले आए। शुरुआत में इनेलो के कुलभूषण गोयल से कड़ा मुकाबला झेलने के बाद गुप्ता का प्रचार आखिरी दिनों में मोदी लहर के सहारे तेजी से आगे बढ़ा और उन्होंने 54 फ़ीसदी वोट हासिल कर शानदार जीत दर्ज की। गुप्ता ने 2009 के खुद के ही वोट प्रतिशत में 35 फ़ीसदी अंकों की बढ़ोतरी की।
शहरी सीट होने के बावजूद पंचकूला में इनेलो का ठीक-ठाक आधार है। यहां हुए दोनों चुनावों में इनेलो उम्मीदवारों को बीसवीं सदी के आसपास वोट मिले। 1999 में चर्चित चेहरे योगराज सिंह के 20.51% वोटो के बाद 2014 में व्यापारी कुलभूषण गोयल ने 19.66% वोट लिए। कुलभूषण गोयल का यह पहला चुनाव था। वे इस क्षेत्र में रियल एस्टेट, मॉल, शैक्षणिक संस्थान आदि से जुड़े व्यवसाय करते हैं। इसके अलावा वैश्य समाज के विभिन्न संगठनों में भी सक्रिय रहते हैं।
कांग्रेस पार्टी ने 2014 में भी टिकट अपने 2009 के विजेता देवेंद्र कुमार बंसल को ही दिया था। बंसल वैसे तो अंबाला के रहने वाले थे लेकिन पंचकूला में भी उनका आवास है। पेशे से वकील रहे देवेंद्र कुमार बंसल ने 2005 में अंबाला कैंट सीट से चुनाव लड़ा था और कड़े मुकाबले में निर्दलीय उम्मीदवार अनिल विज को 615 वोटों से हराकर विधायक बने थे। अनिल विज ने इसके बाद भाजपा ज्वाइन कर ली थी और अंबाला कैंट से अगले दोनों चुनाव जीते। वैसे अनिल विज 1990 (उपचुनाव) में भाजपा की टिकट पर और 1996 व 2000 में निर्दलीय विधायक भी रह चुके थे। खैर, देवेंद्र कुमार बंसल को 2009 में अंबाला कैंट से टिकट नहीं मिली क्योंकि नग्गल हलका खत्म हो जाने के बाद कांग्रेस नेता निर्मल सिंह ने अंबाला कैंट सीट से टिकट की दावेदारी ठोक दी थी। अंबाला कैंट छोड़ बंसल ने पंचकूला से टिकट ले ली और जीत गए जबकि उनकी टिकट कटवाने वाले निर्मल सिंह खुद अंबाला कैंट से हार गए। बंसल के लिए अंबाला से आकर पंचकूला की टिकट लेना एक बड़ी बात थी क्योंकि नया हलका होने की वजह से यहां बहुत से दावेदार थे। देवेंद्र बंसल ने 2009 में 35.36% वोट लेकर जीत हासिल की थी लेकिन 2014 में वे सिर्फ 12 फ़ीसदी वोट ले पाए। मई 2015 में देवेंद्र कुमार बंसल का मुंबई के एक अस्पताल में गले के कैंसर का इलाज कराते हुए निधन हो गया। वे महज 49 वर्ष के थे।
पंचकूला सीट पर 2014 में निर्दलीय उम्मीदवार विनोद बगई ने 5.86 फ़ीसदी वोट लिए थे और हजका के रविंद्र रावल को 3 फ़ीसदी से भी कम वोट मिले।
इस सीट पर हुए दोनों चुनावों (2009 व 2014) में अग्रवाल समाज के उम्मीदवार को जीत मिली है और ज्यादातर उम्मीदवार भी इसी वर्ग से आए हैं। इनेलो का वोट बैंक दोनों चुनावों में 20% के आसपास रहा जबकि भाजपा के वोट 19वीं फीसदी से बढ़कर 54 फ़ीसदी हो गए और कांग्रेस के वोट 35 से घटकर 12 फ़ीसदी रह गए। हजका के वोट भी 15.65 से घटकर 2.93% पर आ गए।