नोटबंदी से तेज हुई आयकर वृद्धि : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की रिपोर्ट में खुलासा
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान दाखिल की गई आयकर रिटर्न की संख्या में भी लगातार हुई है।
4 दिसंबर 2018
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नया हरियाणा
आयकर विभाग के लिए नीति बनाने वाली संस्था सीबीडीटी की 'नोटबंदी का प्रभाव' पर तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर 2016 में उच्च मूल्य वर्ग के दो नोटों ₹500 और ₹1000 को चलन से हटाए जाने का परिणाम यह हुआ कि बड़ी मात्रा में सूचना और आंकड़े विभाग उपलब्ध हुए।
प्रत्यक्ष कर प्राप्ति में पिछले 7 साल में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है नोट बंदी का इसमें बड़ा योगदान माना जा रहा है। यही वजह है कि आयकर विभाग चालू वित्त वर्ष के लिए तय अप्रत्यक्ष कर वसूली लक्ष्य का अधिक-से-अधिक राजस्व पहले ही प्राप्त कर चुका है। उसकी वसूली 6.63 लाख करोड़ रुपए से ऊपर निकल गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह नोट बंदी का सकारात्मक असर है। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए प्रत्यक्ष कर का 11.5 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। आयकर विभाग के लिए लक्ष्य को हासिल करने के लिए 4 माह का समय बचा है।
इससे पिछले साल यह 85.51 लाख थी। इसमें 25% की वृद्धि दर्ज की गई। इसमें कहा गया है कि 2017-18 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर प्राप्ति 18% बढ़कर 10.03 लाख करोड़ रुपए रही थी।
इन आंकड़ों के आधार पर की गई प्रवर्तन कार्रवाई से कर चोरी के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है
इन सूचनाओं के आधार पर कर विभाग ने बड़ी संख्या में जांच और सर्वे की कार्रवाई भी की। सीबीडीटी की यह रिपोर्ट एजेंसी के पास उपलब्ध है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में अब तक 15 नवंबर, 2018 तक प्रत्यक्ष कर में सकल राजस्व प्राप्ति 6.63 लाख करोड़ रुपए रही है। यह राशि एक साल पहले की इसी अवधि में हुई वसूली से 16.4% अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान दाखिल की गई आयकर रिटर्न की संख्या में भी लगातार हुई है। वर्ष 2013-14 में जहां 3.79 करोड रिटर्न जमा कराई गई है वहीं 2017-18 में यह संख्या 81% बढ़कर 6.87 करोड़ तक पहुंच गई है।