गांव खटौली में चंदेल राज परिवार में हुई चार हत्याओं के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। मामले में पुलिस ने आरोपित महिला लवली के पति रामकुमार को भी हिरासत में लिया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि बेटी लवली ने मां राजबाला व परिवार के तीन अन्य सदस्यों को शूटर्स के जरिये नहीं बल्कि अपने पति व मामा के लड़के मोहित के साथ मिलकर मारा था। हत्याकांड को 200 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी के लालच में अंजाम दिया गया। लवली बार-बार मां राजबाला से प्रॉपर्टी की मांग करती थी।
पुलिस ने मृतक राजबाला की बहू सुधा के मामले में भी अहम खुलासा किया है। सुधा को राजबाला ने मौत के घाट उतारा था। उसने लवली के पति रामकुमार, अपने भाई सुरेश पाल और उसके बेटे मोहित के साथ मिलकर बहू को मौत के घाट उतरवाया था। इसके बाद रामकुमार और मोहित ने मिलकर सुधा के शव कहीं ले जाकर जला दिया था राजबाला को सुधा के चरित्र पर शक था, जिस कारण उसने लवली के साथ पहले प्लानिंग की और उसके बाद अपने दामाद, भाई और भतीजे के साथ मिलकर बहू सुधा को मौत के घाट उतरवा दिया।
पंचकूला के पुलिस उपायुक्त कमलदीप गोयल ने एक पत्रकार वार्ता में बताया कि लवली ने रिमांड के दौरान कई खुलासे किए हैं, जिसमें उसने कहा है कि सुधा की मौत के पीछे वह सभी शामिल हैं जिसकी साजिशकर्ता उसकी मां राजबाला थी। सुधा मूलरूप से सहारनपुर उत्तर प्रदेश के गांव बहला की रहने वाली थी।
सुधा राजबाला के बेटे उपेंद्र की पत्नी थी। उपेंद्र की कुछ वर्ष पहले मौत हो गई थी। इसके बाद वर्ष 2016 में सुधा भी संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गई। सुधा और लवली की बिलकुल नहीं बनती थी। सुधा के चालचलन पर अकसर लवली और राजबाला सवाल उठाते थे। ग्रामीणों का कहना है कि लवली और सुधा के झगड़ों की आवाजें अकसर सुनने को मिलती थी।
वर्ष 2008 में राजबाला के बेटे उपेंद्र की मौत के बाद तो लवली ने पक्का डेरा अपनी मां राजबाला के पास डाल लिया था। राजबाला ने भी अपनी दूसरी बेटियों की अपेक्षा लवली को ज्यादा पैसा और मदद की। जिसके पीछे ग्रामीण मानते हैं कि शायद किसी डर या अधिक प्यार होने के चलते यह पैसा राजबाला लवली को देती हो। सुधा के मामले में अब पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है।
इस घटना के बाद अब परिवार में केवल शैली बची है। पुलिस ने शैली को कड़ी सुरक्षा प्रदान की है। शैली ने बताया कि उसकी मां को किडनैप किया गया था। महिला किडनैपर की शक्ल बुआ लवली से मिलती थी, लेकिन परिजनों ने शैली को बच्ची समझकर उसकी बातों को अनसुना कर दिया था। राजबाला की बड़ी बेटी को इस बात का डर सताने लगा था कि कहीं यह सबके सामने दोबारा न बोल दे, इसलिए शैली को घर से दूर अपनी दूसरी बहन के यहां रहने के लिए जीरकपुर भेज दिया था। जिसके बाद शैली वहीं रहकर पढ़ाई करने लग गई थी और इसी कारण आज शैली जीवित है।
भारत में चंदेल वंश का गौरवशाली इतिहास रहा है। 8वीं से 12वीं शताब्दी तक यमुना और नर्मदा के बीच, बुंदेलखंड तथा उत्तर प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिमी भाग पर राज किया था। वह न केवल महान विजेता थे बल्कि सफल शासक भी थे। उनका योगदान भारतीय इतिहास में अतुलनीय रहा है। उनकी वास्तुकला तथा मूर्तिकला का अदभुत उदाहरण खजुराहो के मंदिर के रूप में हमें दिखाई देता है। लेकिन इसी वंश का ऐसा हष्र होगा और ये दिन भी इस वंश के लोगों को देखने को मिलेगा यह किसी ने कभी नहीं सोचा होगा।
महिला ने कबूला अपना गुनाह
हत्या के बाद लवली ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। उसने अपने मां 75 वर्षीय राजबाला और उसके दो मासूम पोतों (16 वर्षीय दिवांशु, 12 वर्षीय आयुष) और एक पोती (18 वर्षीय ऐश्वर्या) को पति व मामा के लड़के के साथ मिलकर मार डाला। 16 साल का दिवांशु दसवीं कक्षा का छात्र था और मौली के स्कॉलर स्कूल पढ़ाई करता था। आयुष छठी कक्षा का छात्र था और रायपुर रानी के केवीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ता था। ऐश्वर्या रायपुर रानी के गर्ल्स कॉलेज में पढ़ाई करती थी।
राजबाला के पति राजेंद्र सिंह चंदेल की खटौली और आसपास के गांवों में 80 से 90 एकड़ जमीन एवं काफी संपत्ति है। राजबाला के बेटे उपेंद्र की भी वर्ष 2008 में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत करीब सात वर्ष पहले हो गई थी। इसको सुसाइड बताया गया था। इसके बाद राजबाला के पति राजेंद्र की भी मौत हो गई थी, जिसके बाद यह प्रॉपर्टी राजबाला के नाम हो गई थी। करीब दो वर्ष पहले राजबाला की बहू भी रहस्यमय तरीके से गायब हो गई थी। जिसके बारे में अब अहम खुलासा हुआ है कि राजबाला ने ही अपनी बहू को मौत के घाट उतरवाया था।
अकसर होता था झगड़ा
राजबाला का एक बेटा उपेंद्र और चार बेटियां अंजना, लवली, बंटी व मंजू हैं। चारों शादीशुदा है। लवली और बंटी एक ही घर में विवाहित हैं। बेटे उपेंद्र की मौत के बाद राजबाला की संपत्ति को लेकर अक्सर लवली एवं मां के बीच झगड़ा रहता था। इसके बाद मामला अदालत में पहुंच गया था। लवली भी राजबाला की संपत्ति में हक मांग रही थी। बताया जाता है कि राजबाला संपत्ति उपेंद्र के चारों बच्चों 18 साल की ऐश्वर्या, 16 साल के दिवांशु, 12 साल के आयुष उर्फ वंश और 10 साल की शैली के नाम करना चाहती थी। इसी को लेकर लवली और राजबाला में खींचतान चल रही थी।
राजबाला ही अपने बेटे की मौत के बाद पोती ऐश्वर्या, दिवांशु उर्फ विशाल व आयुष उर्फ वंश का लालन पालन कर रही थी। उन्होंने एक दस वर्षीय पोती शैली को अपनी बेटी अंजना के पास छोड़ रखा था। तीन माह पूर्व राजबाला ने अपने पोते दिवांशु को क्रेटा कार खरीदकर दी थी और एक ड्राइवर भी रखा था। राजबाला की बेटी लवली एवं उसका लड़का विजय ज्यादातर गांव खटौली में ही रहते थे। लवली की ससुराल अंबाला जिले के गांव बिहटा में है।
ऐसा था वो दिन
लवली एवं उसका बेटा विजय 16 नवंबर को भी राजबाला के घर पर आए हुए थे। दोनों शाम तक घर पर ही थे। राजबाला हर रोज की तरह शाम को करीब साढ़े सात बजे भाई सुरेशपाल को बैठक वाले कमरे में खाना दे गई। सुरेश खाना खाकर बैठक में ही सो गया था और राजबाला अपने पोते विशाल उर्फ दीवांशु, आयुश उर्फ एवं पोती ऐश्वर्या उर्फ गिनी के साथ घर पर थी। सुरेशपाल ने बताया कि राजबाला उसे हर रोज सुबह पांच बजे चाय देने आती थी, लेकिन 17 नवंबर की सुबह वह चाय देने नहीं आई, तो वह छह बजे के करीब राजबाला के घर गया और मेन गेट खटखटाकर देखा, तो काफी देर तक जब कोई बाहर नहीं आया तो वह खेत में चला गया।