अंबाला लोकसभा सीट के साथ काफी रोचक किस्से जुड़े हुए हैं. यह सीट उत्तर भारत में अपना ऐतिहासिक महत्व रखती है. आजादी से पहले अंबाला क्षेत्र का दायरा पंजाब और हिमाचल तक फैला हुआ था. वर्तमान समय में अंबाला लोकसभा सीट के अंतर्गत नौ विधानसभा आती हैं. जिनमें कालका, पंचकूला, नारायणगढ़, अंबाला कैंट, अंबाला सिटी, मौलाना, साढोरा, जगाधरी और यमुनानगर हैं.
1967 से अब तक अंबाला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद एमपी सूची:
Year |
Winner |
Party |
Vote |
Runner Up |
PARTY |
Vote |
1967 |
S. Bhan |
BJS |
128003 |
P. Wati |
INC |
119303 |
1971 |
Ram Prakash |
INC |
196709 |
Suraj Bhan |
BJS |
74433 |
1977 |
Suraj Bhan |
BLD |
264590 |
Ram Prakash |
INC |
99096 |
1980 |
Suraj Bhan |
JNP |
145293 |
Som Nath |
INC(I) |
142998 |
1984 |
Ram Prakash |
INC |
283062 |
Suraj Bhan |
BJP |
105710 |
1991 |
Ram Prakash |
INC |
196406 |
Suraj Bhan |
BJP |
124464 |
1996 |
Suraj Bhan |
BJP |
253555 |
Sher Singh |
INC |
166408 |
1998 |
Aman Kumar Nagra |
BSP |
273792 |
Suraj Bhan |
BJP |
270928 |
1999 |
Rattan Lal Kataria |
BJP |
357460 |
Phool Chand Mullana |
INC |
232982 |
2004 |
Selja Kumari |
INC |
415264 |
Rattan Lal Kataria |
BJP |
180329 |
2009 |
Selja Kumari |
INC |
322258 |
Rattan Lal Kataria |
BJP |
307688 |
2014 |
Rattan Lal Kataria |
BJP |
6,12,121 |
Raj Kumar Balmiki |
INC |
2,72,047 |
अंबाला लोकसभा सीट के मौजूदा स्वरूप में अंबाला जिले की चारों विधानसभा सीटों –
नारायणगढ़ (1,68,353 वोट) ,
अंबाला शहर (2,25,199 वोट) ,
अंबाला छावनी ( 1,70,991वोट)
मुलाना (1,92,065 वोट)
यमुनानगर जिले की तीन सीटें -
सढौरा (1,94,090 वोट)
जगाधरी (1,93,331 वोट)
यमुनानगर (1,97,645 वोट)
पंचकूला जिले की दो विधानसभा सीटें-
कालका (1,56,358 वोट)
पंचकूला (1,94,422 वोट)
इनमें से सढ़ौरा और मुलाना की सीटें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित हैं.
अंबाला लोकसभा सीट हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से आरक्षित 2 सीटों में से एक है. दूसरी आरक्षित सीट सिरसा है.
तब इसे अंबाला-शिमला लोकसभा सीट कहा जाता था, क्योंकि इसका दायरा शिमला तक था. यह सीट आरंभ से लेकर वर्तमान समय तक आरक्षित रही है, क्योंकि इस सीट पर दलितों की संख्या हरियाणा में सर्वाधिक है. अनुमानतः 17 लाख से अधिक मतदाताओं वाली इस सीट पर करीब 8 लाख मतदाता अनुसूचित जातियों के हैं.
इस सीट पर मूलतः कांग्रेस का दबदबा रहा है. कांग्रेस के डॉ रामप्रकाश ने यहां से 1971, 1984, 1989 और 1991 में चार बार जीत दर्ज की है. इनके अलावा कुमारी शैलजा ने 2004 और 2009 में दो बार जीत दर्ज की है. भाजपा के रतन लाल कटारिया भी दो बार सांसद बन चुके हैं. बसपा से अमन नागरा ने भी 1998 में एक बार जीत दर्ज की है. जनसंघ की टिकट पर वरिष्ठ नेता सूरजभान 1967 में जीते थे और भारतीय लोकदल की सीट पर 1977 में जीत दर्ज की तथा जनता पार्टी की तरफ से 1980 में सांसद बने.
2019 में सबसे बड़ा सवाल यही होगा कि किस पार्टी का अंबाला से सांसद बनेगा. भाजपा के रतनलाल कटारिया ने भले ही 2014 में 6 लाख 12 हजार 121 वोट प्राप्त किए थे. पर 2019 का चुनाव उनके लिए आसान नहीं रहने वाला है.
2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अंबाला लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली 9 विधानसभा सीटों में से 9 पर जीत दर्ज की थी.