दिग्विजय चौटाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने अजय सिंह चौटाला, दुष्यंत चौटाला व मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा है और फर्जी दस्तावेजों के सहारे अपने ही बड़े भाई और पार्टी महासचिव अजय चौटाला को पार्टी से बाहर निकालवाया है. इनेलो पार्टी की तरफ से जो निष्कासन का पत्र जारी हुआ है, वो पूरी तरह फर्जी है.
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर वो पत्र फर्जी है तो क्या अजय चौटला, दुष्यंत चौटाला या दिग्विजय चौटाला की तरफ से इसके खिलाफ केस दर्ज करवाया जाएगा, क्योंकि नकली सिग्नेचर करने का केस होना स्वाभाविक है.
या फिर यह अपने बचाव में दी गई बहुत ही कमजोर दलील है, क्योंकि पहले तो ये कहा जा रहा था कि उन्हें किसी प्रकार का कोई पत्र अभी तक नहीं मिला है. अब पत्र मिलने पर पत्र की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर खुद कर विश्वसनीयता पर सवालिया निशान उठवा रहे हैं.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि बादल परिवार के हस्तक्षेप के बाद भी सुलह नहीं हो पाई. दिग्विजय चौटाला ने समझौते की सबसे बड़ी शर्त यही रखी कि दुष्यंत चौटाला को सीएम को तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए.
दूसरी तरफ अभय सिंह चौटाला ने प्रेस वार्ता में साफ कहा कि ओमप्रकाश चौटाला जिसे भी सीएम बनाएगे, मुझे मंजूर होगा. ऐसे में सवाल उठता है कि इस बात पर अजय चौटाला परिवार को आखिर क्या परेशानी थी. अभय सिंह चौटाला ने मीडिया में बयान देते कहा था कि पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल उनके बुजुर्ग हैं और परिवार में सुलह के लिए अगर वे उनसे कोई त्याग करने को कहेंगे तो वे इसके लिए तैयार रहेंगे.
इनेलो पार्टी के खिलाफ कौन रच रहा है साजिश
इनेलो पार्टी के खिलाफ आखिर कौन साजिश रच रहा है. इनेलो पार्टी के बड़े नेताओं का साफ कहना है कि कांग्रेस इनेलो परिवार को आगे बढ़ता देखकर बेचैन थी. उसी ने इनेलो परिवार में फूट डालने का काम किया है.