कांग्रेस की तरिया म्हारै भी एक मुख्यमंत्री का दावेदार पैदा हो गया था : अभय सिंह चौटाला
वर्करों से कहा कि नारे मत लगाओ, मेरा भी दिमाग खराब हो जाएगा. और मैं समझने लग जाऊंगा कि पूरा देश मेरे साथ हो गया है.
6 नवंबर 2018
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नया हरियाणा
इनेलाे में कलह ने अब टूट का रूप लेती दिख रही है। दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला के पिता डॉ. अजय चौटाला द्वारा कड़े तेवर दिखाने के बाद इनेलो में जंग रोमांचक रूप ले रहा है। अजय चौटाला के जेल से बाहर आने बाद आक्रामक तेवर पर छोटे भाई अभय चौटाला ने कोई प्रतिक्रिया देने से इन्कार कर दिया। लेकिन, उन्होंने बिना नाम लिए दुष्यंत चौटाला पर हमला किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस में सीएम पद के पांच-छह दावेदार हैं। हमारे यहां भी एक मुख्यमंत्री का उम्मीदवार पैदा हो गया है।
हिसार के देवीलाल सदन में बोलते हुए वर्करों से कहा कि नारे मत लगाओ, मेरा भी दिमाग खराब हो जाएगा. और मैं समझने लग जाऊंगा कि पूरा देश मेरे साथ हो गया है. उन्होंने कहा कि गोहाना रैली में माहौल खराब करने वाले कांग्रेस के पेड वर्कर थे जो इनेलो को कमजोर करने का प्रयास करने के लिए आए थे. इस घुसपैठ का अंदाजा उन्हें कैथल में इनसो के स्थापना दिवस पर हो गया था.
वहां मैंने खुलकर कहा था कि कुछ लोग जो सीटियां बजा रहे हैं और उल्टे-सीधे नारे लगा रहे हैं, वे इनेलो के कार्यकर्ता नहीं हो सकते, ये कांग्रेस के पेड वर्कर हैं.
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और चौटाला परिवार में चल रही खींचतान अब निर्णायक मोड़ पर आ चुकी है। पार्टी के प्रधान महासचिव एवं पूर्व सांसद डॉ़ अजय सिंह चौटाला ने भी तिहाड़ जेल से बाहर आते ही अपने तेवर दिखा दिए हैं। वहीं दूसरी ओर, पार्टी से निष्कासन के बाद हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला भी अब खुलकर मोर्चा संभालने का मन बना चुके हैं।
दुष्यंत पहली बार 10 नवंबर को चंडीगढ़ में मीडिया से मुखाितब होंगे। वे न केवल अपने मन की बात साझा करेंगे बल्कि खुद और अपने भाई दिग्विजय सिंह चौटाला को पार्टी से निकाले जाने के बाद अपनी अगली रणनीति का खुलासा भी करेंगे। अजय सिंह चौटाला दिल्ली में वर्करों के साथ बातचीत के दौरान ऐलान कर चुके हैं कि 17 नवंबर को जींद में पार्टी के अहम पदाधिकारियों एवं वर्करों की बैठक होगी।
माना जा रहा है कि अजय और दुष्यंत की सियासत का सेंटर जींद ही रहने वाला है। जींद को प्रदेश का केंद्र भी माना जाता है और सत्ता परिवर्तन में इस इलाके का हमेशा अहम रोल रहा है। सरकारें चाहें किसी की भी रही हों, हर किसी की यह कोशिश रही है कि जींद उसके साथ चले। वर्तमान में जींद को चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता है। इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला खुद जींद के उचाना कलां से विधायक रहे हैं।
सांसद दुष्यंत के लोकसभा क्षेत्र में भी उचाना कलां हलका शामिल है। दुष्यंत से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सांसद 10 को मीडिया के सामने अपना अगला पूरा रोडमैप रखेंगे। हालांकि निर्णायक फैसला 17 को जींद में प्रस्तावित बैठक में ही होगा। रोचक बात यह है कि अजय ने जींद में इनेलो की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। ऐसे में अब नजरें इस बात पर रहेंगी कि इस बैठक में कितने पदाधिकारी पहुंचते हैं। जींद की राजनीति वैसे भी इन दिनों काफी गरमाई हुई है। ऐसे में अजय द्वारा अब जींद में ही बैठक रखने की वजह से सियासी पारा पूरी तरह से उफान पर है। जींद से विधायक रहे डॉ़ हरिचंद मिढ्ढा के निधन के बाद जींद में उपचुनाव होना है। मिढ्ढा के बेटे कृष्ण मिढ्ढा पिछले दिनों इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। माना जा रहा है कि अजय चौटाला जो भी निर्णायक फैसला लेंगे, उसमें जींद का यह उपचुनाव भी उनके एजेंडे में टॉप पर हो सकता है।
अजय चौटाला ने खुद को बताया पांडव
परिवार और पार्टी में चल रहे संग्राम की तुलना अजय चौटाला ने एक तरह से महाभारत की लड़ाई से कर डाली है। दिल्ली में वर्करों से बातचीत में उन्होंने महाभारत की घटना लोगों के बीच रखते हुए कहा, पांडवों ने दुर्योधन से पांच गांव मांगे तो दुर्योधन ने यह कहकर मना कर दिया कि एक सुई की नोक जितनी जगह भी नहीं दूंगा। अपने परिवार को इसी घटना से जोड़ते हुये अजय ने स्पष्ट कर दिया, ‘याचना नहीं अब रण होगा, जीवन या मरण होगा’।
दुष्यंत पिता से कर चुके हैं मंथन
निष्कासन के बाद से ही दुष्यंत ने मीडिया से दूरी बनाई हुई थी। निष्कासन से जुड़े सवाल को उन्होंने हर बार यह कहकर टाला कि अपने पिता और वर्करों से बातचीत के बाद ही इस संदर्भ में कोई बात कहूंगा। माना जा रहा है कि अजय सिंह चौटाला के जेल से बाहर आने के बाद दुष्यंत उनसे पूरे घटनाक्रम पर बातचीत कर चुके हैं। इसके बाद ही उन्होंने मीडिया के सामने आने का फैसला लिया है।