प्रदेश सरकार ने मंत्री के खिलाफ मानहानि का इस्तगासा दायर करने वाले कनीना के एसडीएम संदीप सिंह को सोमवार को सस्पेंड कर दिया। उनका मुख्यालय चंडीगढ़ में मुख्य सचिव कार्यालय रहेगा। वे बिना मुख्य सचिव की अनुमति के अवकाश नहीं ले सकेंगे।
संदीप सिंह इनेलो सरकार में शिक्षा मंत्री रहे बहादुर सिंह के बेटे हैं। उन्हें सस्पेंड करने की वजह ड्यूटी में लापरवाही बरतना बताया गया है। वे ग्रीवांस कमेटी की बैठक से गैर हाजिर रहे। एसडीएम संदीप सिंह वही अफसर हैं, जिन पर ग्रीवांस कमेटी की बैठक से अनुपस्थित रहने पर उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने निजी टिप्पणी की थी।
सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रिया
21 साल में 10 साल छुट्टी पर रहने वाले और जातीय दम्भ से ग्रसित ऐसे अधिकारियों की मरोड़ ठीक किये बगैर अफ़सरशाही पटरी पर आने वाली नहीं ।पिछले 40 सालों में की गई राजनीतिक आधार पर नियुक्तियां ही हरियाणा के लिए कोढ़ का रूप ले चुकी हैं। बदमाशी करने वाला मुख्यमंत्री तो 5 साल में चलता हो लेता है, लेकिन उसके द्वारा लगाए गए बबूल के पेड़ कम से कम 30 साल तक प्रदेश को तकलीफ पहुंचाते हैं।
इस पर एसडीएम ने नारनौल कोर्ट में मानहानि का इस्तगासा दायर किया है। बताया जा रहा है कि नारनौल के डीसी रह चुके एक अफसर ने भी संदीप सिंह के खिलाफ शिकायत की हुई थी। सूत्रों का कहना है कि संदीप सिंह सर्विस के 21 वर्षों में करीब 10 वर्षों तक अवकाश पर रहे हैं। संदीप सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं, क्योंकि उन्हें चार्जशीट करने के आदेश भी दिए जा चुके हैं।
20 सितंबर काे नारनौल में ग्रीवांस कमेटी (जन परिवेदना समिति) की मीटिंग रखी गई थी। जिसमें प्रभारी मंत्री विपुल गोयल गए थे। वहां एक मामले में कनीना एसडीएम को मंत्री ने बुलाया तो पता चला कि वे मीटिंग में नहीं आए हैं। इसी दौरान किसी ने मंत्री को बताया कि एसडीएम एक पूर्व मंत्री के बेटे हैं। इस पर मंत्री ने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘नौकरी करते है ना, तो काम क्या उनके बाप करेंगे।’
इस पर एसडीएम संदीप सिंह ने 27 सितंबर को नारनौल कोर्ट में उनकी और उनके पिता पूर्व मंत्री की मानहानि का आरोप लगाते हुए मंत्री के खिलाफ इस्तगासा दायर कर दिया। सीजेएम के समक्ष एसडीएम संदीप सिंह की गवाही भी हुई थी। अब एसडीएम के सस्पेंशन को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
इनेलो सरकार में मंत्री थे एसडीएम के पिता, मानहानि के लिए इस्तगासे में परिवार की प्रतिष्ठा को बनाया आधार-
परिवार में 25 से 30 लोग अफसर : एसडीएम ने इस्तगासे में कहा है, ‘मैं एक प्रतिष्ठित परिवार से हूं। मेरे पिता चौधरी बहादुर सिंह एचसीएस से रिटायर और राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे हैं। मेरे ताऊ चौधरी रामनारायण आईएएस अधिकारी से रिटायर होने के बाद सांसद रह चुके हैं। बड़े भाई जगदीप सिंह भी प्रदेश में सीनियर आईएएस अधिकारी हैं। इसके अलावा परिवार में 25 से 30 लोग अधिकारी हैं।’
डीसी के संज्ञान में था मामला : ‘जन परिवेना समिति की बैठक में मेरी न तो कोई शिकायत थी और न ही बैठक को लेकर कोई नोटिस मिला था। मुझे न ही बैठक में बुलाया गया था। यदि कोई विशेष कार्य होता तो सूचना देकर बुलाया जा सकता था। पूरा मामला डीसी के संज्ञान में था, क्योंकि डीसी 19 सितंबर को मेरी अनुपस्थिति में कनीना उपमंडल में अंत्योदय सरल केंद्र का उद्घाटन करने स्वयं आई थीं और कार्यालय में भी बैठकर गई थीं। इसलिए बैठक में मेरे व पिता के खिलाफ प्रयोग की गई अशोभनीय भाषा के लिए मंत्री को सजा मिले और जुर्माना लगाया जाए।’
पिता की तबीयत खराब होने से छुट्टी पर थे : ‘मेरे पिता की तबीयत खराब होने के कारण 15 से 20 सितंबर तक छुट्टी पर था, जो ऊपर से स्वीकृत थीं।’