उत्तर भारत में कॉटन के क्षेत्र में काम करने वाली अग्रणी संस्था है. इंडियन कॉटन एसोसिएशन लि. की नई कार्यकारिणी का चुनाव संपन्न हुआ। महेश शारदा, जो कि मूलतः सिरसा के निवासी हैं, को हरियाणा, पंजाब और राजस्थान(उत्तर भारत)का अध्यक्ष चुना गया है। साथ ही सुशील फुटेला को उपाध्यक्ष और पवन कुमार नागौरी को कोषाध्यक्ष चुना गया। एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी का चुनाव फतह चंद शर्मा के निर्देशानुसार हुआ।
कार्यकारिणी के ट्रेडर्स पैनल में अश्वनी झांब, पवन नागौरी, मुकुल देव तायल, सुभाष गर्ग, सुशील कुमार व रजत अग्रवाल को लिया गया है। महेश शारदा पूर्व में भी एसोसिएशन में अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं और इनके नेतृत्व में ही संस्था ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उत्तर भारत में किसानों , व्यापारियों और सरकारों के बीच कपास के क्षेत्र में ये प्रतिष्ठित संस्था सेतु का काम करती है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कपास के एमएसपी में बढ़ोतरी करके किसानों को बड़ी राहत देने का काम किया है।
पहली अक्टूबर से शुरू होने वाले चालू खरीफ विपणन सीजन 2018-19 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कपास की खरीद बढ़ने की संभावना है। फसल सीजन 2017-18 में एमएसपी पर 3.75 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की खरीद हुई थी।
कॉटन कार्पोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कपास के एमएसपी में की गई बढ़ोतरी से नए खरीफ विपणन सीजन में कपास की खरीद ज्यादा होने का अनुमान है। निगम ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है, तथा सितंबर में फसल की स्थिति के आधार पर खरीद का लक्ष्य तय किया जायेगा। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन विपणन सीजन 2017-18 में निगम ने 10.70 लाख गांठ कपास की खरीद की थी, जिसमें से 3.75 लाख गांठ की खरीद एमएसपी पर और बाकि की कामर्शियल खरीद की गई थी।
सीसीआई के पास सवा लाख गांठ का स्टॉक
उन्होंने बताया निगम के पास इस समय सवा लाख गांठ कपास का स्टॉक बचा हुआ है जिसको बेचने के लिए लगातार निविदा मांगी जा रही है। चालू सीजन में निगम ने 36,000 गांठ कपास का निर्यात भी किया है।
एमएसपी में 1,130 रुपये की बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2018-19 के लिए मीडियम स्टेपल कपास का एमएसपी 5,150 रुपये और लॉन्ग स्टेपल कपास का एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। पिछले खरीफ विपणन सीजन के मुकाबले इसमें 1,130 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
विश्व बाजार में कपास के भाव घटे
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन आॅफ इंडिया के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि रुपये की तुलना में डॉलर की मजबूती से कपास निर्यातकों को फायदा तो होगा, लेकिन नई फसल को देखते हुए आयातक आयात सौदे कम कर रहे है। इसीलिए विश्व बाजार में भी कपास की कीमतों में गिरावट आई है। अमेरिका में आईसीई में अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में कपास का भाव घटकर 83.41 सेंट प्रति पाउंड रह गया जबकि पिछले सप्ताह में इसका भाव 86.6 सेंट प्रति पाउंड था।
उत्तर भारत के राज्यों में अगले महीने आयेगी नई फसल
कपास कारोबारी नवीन ग्रोवर ने बताया कि अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव 48,000 से 48,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) है। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कपास की नई फसल की आवक सितंबर के मध्य में बन जायेगी, इसलिए मौजूदा भाव में अब तेजी की संभावना नहीं है। सीसीआई के अनुसार चालू सीजन में 26 जुलाई तक 354.28 लाख गांठ कपास की आवक उत्पादक मंडियों में हो चुकी है।
बुवाई में आई कमी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में कपास की बुवाई घटकर 112.60 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 117.11 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।