कांग्रेस के गले की फाँस बनेगा सोमनाथ का ‘रजिस्टर’!
क्या आप अपना इतिहास भूल गए हैं? आपके परिवार के सदस्य, हमारे पहले प्रधानमंत्री वहां पर एक मंदिर बनने के विचार से खुश नहीं थे. उन्होंने कहा कि जब डॉ.राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन करने आए थे तो पंडित नेहरू ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी
29 नवंबर 2017
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नया हरियाणा
मोदी सरकार का दबाव का असर कांग्रेस पर साफ झलकने लगा है. अब तक खुद को सेकुलर कहने वाली कांग्रेस पहली बार सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ जाती हुई साफ दिख रही है. गुजरात चुनाव में राहुल गांधी के मंदिरों में जाना यह साफ दिखलाता है कि कांग्रेस ने इस बार गुजरात में मुसलिम प्रेम को त्यागकर हिंदू धर्म के प्रति अपना रुझान किया है.
धर्म पूर्णत: व्यक्तिगत मामला है लेकिन जहाँ पूरी राजनीति जाति और धर्म पर चल रही हो. वहां आपका धर्म देश को पता होना चाहिए. अगर आप अपना धर्म छुपा कर रखते हैं तो साफ़ है कि आपके मन में चोर है. क्या बाबा सोमनाथ में आज राहुल गाँधी का वो भेद 'खोल दिया' जो दशकों से छुपा था?
क्या है मामला
गुजरात चुनाव के मद्दे नजर राहुल गांधी जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. अपने इस प्रचार के दौरान राहुल पीएम मोदी पर करारा हमला बोलने के अलावा सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड भी खेल रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष तीन दिन की गुजरात यात्रा के दौरान पांच मंदिरों में गए और राजकोट तथा जामनगर में गरबा में शामिल हुए. हुआ यूं कि सोमनाथ मंदिर में आज प्रवेश करने से पहले रजिस्टर में एंट्री की.
जानते हैं क्या हैं इसके मायने
सोमनाथ मंदिर में प्रवेश करने वाले गैर हिन्दूओं को एक रजिस्टर में एंट्री करनी पड़ती है. आज राहुल गाँधी मंदिर गये थे और उन्होंने भी इसी रजिस्टर में एंट्री की. उनके वहां एंट्री करने से सवाल यह उठता है कि उनका धर्म अगर हिंदू नहीं है तो आखिर क्या है? या उन्होंने अज्ञानतावश उसमें एंट्री की है.
दूसरी तरफ पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि-"यदि सरदार पटेल नहीं होते, तो सोमनाथ में मंदिर बनना कभी संभव नहीं होता. आज कुछ लोग सोमनाथ को याद कर रहे हैं, मुझे उनसे पूछना है, क्या आप अपना इतिहास भूल गए हैं? आपके परिवार के सदस्य, हमारे पहले प्रधानमंत्री वहां पर एक मंदिर बनने के विचार से खुश नहीं थे. उन्होंने कहा कि जब डॉ.राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन करने आए थे तो पंडित नेहरू ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी."