गोहाना में होगा देवीलाल सम्मान दिवस : अभय सिंह चौटाला ने लगाई हुड्डा के गढ़ में सेंध
जाटलैंड में अभय सिंह चौटाला कर सकते हैं कमबैक.
21 अगस्त 2018
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नया हरियाणा
ताऊ देवीलाल के जन्म दिवस पर 25 सितंबर को इनेलो की ओर से आयोजित की जाने वाली सम्मान रैली इस बार गोहाना में होगी। सोमवार को इनेलो प्रदेश कार्यकारिणी की हुई मीटिंग में कार्यकर्ताओं ने सम्मान रैली के लिए गोहाना और हिसार का प्रस्ताव रखा था। हुड्डा के गढ़ कहे जाने वाले गोहाना में इनेलो अपना शक्ति प्रदर्शन करेगा। इसी गोहाना में कांग्रेस शासन काल की पूर्व सीएम हुड्डा ने आखिरी रैली की थी और कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी वहां रैली कर चुके हैं।
ऐसे में इसे अभय सिंह चौटाला का मजबूत कार्ड कहा जा सकता है, क्योंकि कांग्रेस के हालात ऐसे नहीं है कि वह भूपेंद्र हुड्डा को मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर घोषित कर सकें. ऐसे में जाट नेता के तौर पर अभय सिंह चौटाला को जाट वोट मिलने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि अतीत में ये वोटर इनेलो के ही वोटर रहे हैं. पुराने इनेलो वोटर और वर्तमान में हुड्डा के साथ जुड़े एक वर्कर ने बताया कि जाट वोटर हुड्डा को लेकर संशय में है. जिसका सीधा फायदा अभय सिंह चौटाला को मिल सकता है.
मीटिंग में एसवाईएल, दादूपुर-नलवी व मेवात कैनाल के मुद्दे को लेकर इनेलो की ओर से अब विधानसभा सत्र के दूसरे दिन 8 सितंबर को हरियाणा बंद का फैसला लिया गया। यह बंद पहले 18 अगस्त को प्रस्तावित था। नेता विपक्ष अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन उपरांत उनके सम्मान के तौर पर 18 अगस्त के बंद को स्थगित किया गया था। सम्मान दिवस के दिन ही सरकार द्वारा छात्र संघ चुनाव कराने की प्रस्तावित योजना को नेता विपक्ष ने इनसो को इन चुनावों से दूर रखने की साजिश बताया।
नेता विपक्ष अभय चौटाला ने बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए पार्टी की तरफ से एक राहत कोष बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि इनेलो के सभी सांसद और विधायक एक महीने का वेतन और राहत सामग्री केरल भेजेंगे। इनेलो की ओर से प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय दल केरल भेजा जाएगा। अरोड़ा ने कहा कि सरकार विधानसभा में बिल लाकर कर्मचारियों को पक्का करे। बैठक में दो और प्रस्ताव पारित किए गए। सरकार से मांग की कि ई-ट्रेडिंग व डायरेक्ट पेमेंट प्रणाली को समाप्त करने के साथ जीएसटी के दो ही स्लैब बनाए जाएं। अधिकतम कर की दर को घटा कर 18 प्रतिशत रखा जाए।