यशपाल मलिक की मनोहर सरकार को धमकी, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई
यशपाल मलिक की कार्यशैली से जाट समाज में उनकी साख गिर गई है.
16 अगस्त 2018
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नया हरियाणा
यशपाल मलिक की हिम्मत लगातार बढ़ती जा रही है और सरकार पहले की तरह बेबस पड़ती नजर आ रही है। ढाई करोड़ से ज्यादा जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्यमंत्री को मंच से धमकी दे देता है और सरकार एक्शन लेने के बजाय अपनी सुरक्षा बढ़ाने में लगी हुई है। आखिर मुख्यमंत्री को मिली धमकी पर सरकार की चुप्पी जनता के बीच क्या संदेश देगी? आखिर जनता को कैसे विश्वास होगा कि वह एक सुरक्षित राज्य में रहती है. वह भी तब जब हरियाणा 2016 में तांडव देख और भुगत चुका है।
आरक्षण की मांग को लेकर 9 जिलों में यशपाल मलिक गुट का आंदोलन गुरुवार से फिर शुरू हो रहा है। इस बार मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व कैप्टन अभिमन्यु के कार्यक्रमों का विरोध करने के लिए कार्यक्रम स्थलों पर धरना देने का आह्वान किया गया है। यह प्रदर्शन रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी, भिवानी, हिसार, कैथल, जींद, पानीपत और सोनीपत जिलों में होगा। इसके मद्देनजर हरियाणा पुलिस भी सतर्क हो गई है। पुलिस विभाग की छुट्टियां रद्द कर दी गई है और उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीएम मनोहर लाल और वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। उधर, कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला का सुरक्षा घेरा भी कड़ा करने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में डीजीपी बीएस संधू ने सख्त निर्देश दिए हैं।
यशपाल मलिक के खिलाफ जाट समाज का रोष
यशपाल मलिक की कार्यशैली से जाट समाज काफी रोष में है। दूसरी तरफ यशपाल मलिक पर खुद के समाज के चंदे खाने को लेकर सवाल उठते रहे हैं। यशपाल मलिक का तानाशाही रवैया जाट समाज को एकजुट होने में बाधा बन रहा है। जिसका सीधा फायदा भाजपा सरकार को मिल रहा है। इसी कारण पिछले कुछ सालों में यशपाल मलिक की विश्वसनीयता समाज में घट गई है। इन आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि इन्होंने सरकार से साठगांठ करके खुद के केस को रफादफा करवा लिया और आंदोलन के समय हुए बाकी युवाओं के केस ऐसे ही आदलतों में चल रहे हैं। इसी कारण यशपाल मलिक जाट समाज के भीतर लगातार संदिग्ध होते जा रहे हैं।
यशपाल मलिक ने इस बार ये बनाई है आंदोलन की रणनीति
बता दें कि अपनी मांगों के लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे जाट समाज के लोगों की सरकार से कई दफा बातचीत हो चुकी है। उनका कहना है कि यशपाल मलिक से सरकार के जो समझौते हुए थे, सरकार ने उन्हें पूरा नहीं किया है। इसके मद्देनजर उन्होंने प्रथम चरण के आंदोलन की शुरूआत 16 अगस्त 2018 से सीएम मनोहर लाल खट्टर और वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के कार्यक्रमों में विरोध करने के लिए धरना देने की शुरूआत करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में 9 जिले शामिल किए गए हैं।
अशोक बल्हारा का कहना है कि प्रत्येक महीने आंदोलन की समीक्षा होगी और आंदोलन अन्य जिलों में भी बढ़ाया जायेगा व शहरी क्षेत्रों को भी जोड़ा जाएगा। किसी भी समय मात्र एक दिन के निर्देश पर आंदोलन का दायरा बढ़ाया जा सकता है।
आपको बता दें कि अशोक बल्हारा का नाम सीबीआई द्वारा पेश की गई चार्जशीट में आने के बाद यशपाल खेमे में बौखलाहट साफ दिखने लगी है। कैप्टन अभिमन्यु के घर और परिवार पर जानलेवा हमला करने वालों में अशोक बल्हारा का भी नाम आया है। ऐसे में आंदोलन की आड़ में राजनीतिक साजिश का पर्दाफाश होने लगा है।
पुलिस ने की तैयारी
हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा 16 तारीख से 9 जिलों में मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के कार्यक्रमों में बाधा पहुंचाने जैसी सूचना का गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए हैं। संधू ने कहा कि गांवों में सरपंच, पंच और पंचायत समिति के सदस्यों से बातचीत करें। उन्होंने कहा कि मंडल आयुक्त और पुलिस अधीक्षक जिलों में सुरक्षा इंतजामों पर पूरी निगरानी रखेंगे और परिस्थिति के अनुसार अपने स्तर पर निर्णय लेंगे। उन्होंने 18 तारीख को इनेलो द्वारा बुलाए गए बंद पर भी पुलिस अधिकारियों को
परिस्थितियों के अनुसार सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश दिये। उनका कहना है कि किसी को भी कानून व्यवस्था बिगाड़ने नहीं दी जाएगी। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हर जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।