हुड्डा और तंवर के दिए गए बयान राहुल गांधी के लिए आफत बन सकते हैं.
30 जुलाई 2018
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नया हरियाणा
कांग्रेस के दो नेताओं ने टिकट नहीं बिकने की बात कहकर टिकने बिकने के विमर्श को केंद्र में ला दिया है। पहले भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पार्टी का टिकट बिकने नहीं देंगे और उनके बाद अब अशोक तंवर कह रहे हैं कि पार्टी का टिकट बिकने नहीं देंगे.
राजनीति विश्लेषक एवं पत्रकार सतीश त्यागी ने लिखा है कि टिकटें बिकने नहीं दूँगा-हुड्डा। टिकटें बिकने नहीं दूँगा- तंवर। तो टिकट राहुल गाँधी ने बेचनी हैं क्या? आखिर कांग्रेस में कौन बेच रहा है टिकट, जिसको लेकर कांग्रेस के दो बड़े नेताओं को यह कहना पड़ रहा है कि वो टिकट बिकने नहीं देंगे. आखिर कौन है वह टिकट बेचने वाला? क्या राहुल गांधी टिकट बेच रहे हैं?
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वह विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट बिकने नहीं देंगे। चुनाव में योग्य व जिताऊ उम्मीदवारों को ही टिकट दिया जाएगा। टोहाना से परमवीर सिंह को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। जन क्रांति रथयात्रा के चौथे चरण के दौरान टोहाना पहुंचने पर कही थी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने रविवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी की यह संस्कृति नहीं रही है कि कोई टिकट बेचे या खरीदे। हम न तो हरियाणा बिकने देंगे और न ही हरियाणा को जलने देंगे। तंवर ने कहा कि अगर रुपयों में टिकट मिलती तो वे न अध्यक्ष बनते और न ही सांसद। उन्होंने कहा कि अगली बार जो टिकट मिलेगी वह पार्टी मजबूत करने करने वाले आम कार्यकर्ताओं को ही मिलेगी। तंवर ने कहा कि जब जरूरत होगी वहां पर कांग्रेस एक मंच पर होगी। तंवर अपनी हरियाणा बचाओ-परिवर्तन लाओ साइकिल यात्रा के बाद कलानौर में रैली को संबोिधत कर रहे थे।
टिकट बेचने वाले बयानों को लेकर क्या कांग्रेस अपनी पोलपट्टी खुद खोल ली है? क्या ये बयान आने वाले समय में कांग्रेस को परेशानी दे सकते हैं? क्या कांग्रेस की भीतरी लड़ाई हरियाणा में विपक्षी दलों के लिए फायदेमंद रहेगी? क्या हुड्डा और तंवर की लड़ाई में जाट नेता सुरजेवाला अपना समीकरण मजबूत कर जाएंगे? या हुड्डा और तंवर की आपसी लड़ाई का फायदा कुलदीप बिश्नोई उठा लेंगे?